शिमला, 19 सितंबर। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सोमवार को शिमला के निकट बलदेयां में ‘जेनिथ’ संस्था द्वारा आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव-राष्ट्रीय युवा महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि युवा हमारी संस्कृति के असली दूत हैं। उन्होंने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने में भी युवाओं को अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि अनेकता में एकता ही हमारी पहचान है। हमारी भावनाएं और विचार एक ही हैं तथा ये हमारी संस्कृति और युवा उत्सवों में परिलक्षित होते हैं। इस तरह के कार्यक्रम हमारी समृद्ध संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्द्धन करते हैं। सामाजिक समरसता पर जोर देते हुए राज्यपाल ने कहा कि बी.आर. इदाते जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने समाज को समरसता का पाठ पढ़ाया है। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति युवाओं के लिए आदर्श होते हैं और युवाओं को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और अब हमें अमृतकाल की ओर बढ़ना है। वर्ष 2047 तक अमृतकाल की इस अवधि में प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान सुनिश्चित करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को यह चिंतन करने की आवश्यकता है कि अगले 25 वर्षों में वह देश और समाज के लिए क्या कर सकता है। राज्यपाल ने युवाओं से स्वदेशी अपनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया, ताकि हम आत्मनिर्भर बन सकें।