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शिमला और कुफरी से ठंडे हमीरपुर, ऊना और सुंदरनगर

Himgiri Samachar:HP-Planes-Cities-cold-waves-Shimla

शिमला, 28 जनवरी। हिमाचल प्रदेश में हाड़मांस कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। राज्य के उच्च पर्वतीय इलाकों में खून जमा देने वाली ठंड से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों में न्यूनतम पारा शून्य से काफी नीचे पहुंच गया है। राज्य के मैदानी भागों में कोहरे की मोटी चादर छाई है।


खास बात यह है कि मैदानों में शिमला की तुलना में ज्यादा ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग की रिपोर्ट पर नजर डालें, तो हमीरपुर, ऊना और सुंदरनगर सहित अन्य मैदानी स्थानों का न्यूनतम तापमान शिमला और कुफरी से कम दर्ज किया गया है।


शनिवार की सुबह जहां शिमला व कुफरी का पारा क्रमशः 7.2 डिग्री व 6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ है, तो ऊना का 3.4, सुंदरनगर का 1.6 और हमीरपुर का 5.8 डिग्री सेल्सियस रहा। अन्य शहरों की बात करें तो मंडी 3.2 व कांगड़ा 4.8 डिग्री सेल्सियस के साथ शिमला से सर्द बने हुए हैं। लाहौल-स्पीति जिला का मुख्यालय केलांग सबसे ठंडा स्थल रहा, जहां न्यूनतम तापमान -11.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा किन्नौर के कल्पा में -0.5 डिग्री, सियोबाग में 0.8 डिग्री, भुंतर में 1.1, मनाली में 1.4, नारकंडा व रिकांगपिओ में 2.2 डिग्री, पालमपुर में 5 और डल्हौजी में 6.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।


इस बीच प्रदेश में शीतलहर से निजात मिलने के आसार नहीं हैं और लोगों को एक बार फिर सफेद आफत का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक़ अगले 24 घण्टों के दौरान पश्चिमी विक्षोभ प्रदेश में सक्रिय होगा और इसके प्रभाव से भारी बारिश व बर्फबारी देखने को मिलेगी। 


मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि 29 व 30 जनवरी को पूरे प्रदेश में जबरदस्त बारिश-बर्फबारी होने की आशंका है। इस दौरान मैदानी भागों में गरज व अंधड़ के साथ भारी वर्षा और पर्वतीय व उच्च पर्वतीय इलाकों में भारी बर्फबारी का येलो अलर्ट रहेगा। शिमला, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा, चम्बा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों में भारी बर्फ गिरने की पूरी संभावना बनी हुई है। उन्होंने इन जिलों में रहने वाले लोगों से दो दिन सावधान रहने की अपील की है। साथ ही बाहरी राज्यों के पर्यटकों को इन इलाकों की यात्रा पर 

निकलने से पहले एहतियात बरतने की सलाह दी है।   पर्यटकों को राज्य के ऊंचाई वाले स्थानों पर न जाने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश-बर्फबारी से भूस्खलन होने की आशंका है, जिससे यातायात, बिजली, पानी और संचार जैसी मूलभूत सेवाएं बाधित हो सकती हैं। 

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