नई दिल्ली, 4 नवंबर। चुनाव आयोग बिहार के बाद 12 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची को अपडेट करने जा रहा है। इससे जुड़ी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत आज से गणना फार्म जमा होने शुरु हो गए हैं। चुनाव कर्मी घर-घर जाकर इन फार्म को वितरित कर रहे हैं। इस प्रक्रिया के तहत 51 करोड़ मतदाताओं को कवर किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने आज देशभर में गणना फार्म वितरित करने से जुड़ी तस्वीरें और जानकारी साझा की। एसआईआर से जुड़े प्रदेशों में 27 अक्टूबर तक मतदाता सूची में शामिल प्रत्येक मतदाता को एक विशिष्ट गणना प्रपत्र (ईएफ) उपलब्ध कराया जाएगा। यह आंशिक रूप से पहले से भरा होगा। गणना चरण के दौरान, बीएलओ ईएफ के वितरण और संग्रह के लिए कम से कम तीन बार घर-घर जाएंगे।
बिहार में एसआईआर के बाद अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु में इसकी प्रक्रिया जारी हैं। इसके अंतर्गत 321 जिले और 1,843 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इन राज्यों की मतदाता सूची फ्रीज हो चुकी है और और 7 फरवरी तक अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी।
एसआईआर प्रक्रिया में शामिल किए गए राज्यों में कुल मिलाकर लगभग 51 करोड़ मतदाता हैं। इस अभियान में 5.33 लाख बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) और राजनीतिक दलों द्वारा नामित लगभग 7.64 लाख बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए), 10,448 ईआरओ/एईआरओ और 321 जिला निर्वाचन अधिकारी शामिल होंगे।
नौ दिंसबर को चुनाव आयोग इन राज्यों की मसौदा सूची जारी करेगा। 1 महीने तक इस मौसूदा सूची से जुड़े दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। इसके बाद 9 जनवरी से एक महीने तक दावे सुने जाएंगे और जांच होगी। सात फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी होने के बाद पूरी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के अन्य लागू प्रावधानों और निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 के प्रासंगिक प्रावधानों के साथ 27 अक्टूबर के आदेश के तहत 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का आदेश दिया था।
आयोग के अनुसार मतदाता अपना नाम और संबंधित रिश्तेदारों का नाम पिछली एसआईआर मतदाता सूची में देख सकते हैं और गणना प्रपत्र में विवरण प्रदान करने के लिए https://voters.eci.gov.in/ पर जा सकते हैं। सहायता के लिए, मतदाता ईसीआईनेट ऐप पर 'बीएलओ के साथ बुक-अ-कॉल' सुविधा का उपयोग करके अपने बीएलओ से जुड़ सकते हैं या टोल-फ्री हेल्पलाइन के लिए अपने एसटीडी कोड के साथ 1950 डायल कर सकते हैं।
तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में 2026 में चुनाव होने हैं। हालांकि, असम में जहां उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एक अलग नागरिकता सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने वाली है, संशोधन के लिए एक अलग आदेश बाद में जारी किया जाएगा।
गणना प्रपत्र में पहले से छपा विवरण मतदाता का आधार नंबर (वैकल्पिक), ईपीआईसी नंबर और परिवार का विवरण शामिल है। यदि किसी मतदाता या उसके माता-पिता का नाम 2003-04 की मतदाता सूची में है, तो किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी। 2002-04 की मतदाता सूची स्व-सत्यापन के लिए- http://voters.eci.gov.in पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी।