शिमला, 17 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने चिट्टा नशे के खिलाफ हिमाचल सरकार द्वारा शुरू किए गए नए आंदोलन की सराहना करते हुए कहा है कि यह अभियान और अधिक प्रभावी तथा सार्थक हो सकता था, यदि मुख्यमंत्री ने विपक्ष को भी विश्वास में लिया होता।
शान्ता कुमार ने बुधवार को एक बयान में कहा कि चिट्टा एक भयंकर सामाजिक रोग बन चुका है, जो नई युवा पीढ़ी को तेजी से बर्बाद कर रहा है। ऐसे में इसके विरुद्ध सरकार द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन प्रशंसनीय है, लेकिन इस गंभीर मुद्दे पर राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से विशेष आग्रह किया कि पूरे विपक्ष को इस आंदोलन में सहभागी बनाया जाए। साथ ही विपक्ष से भी अपील की कि नशे के खिलाफ लड़ाई जैसे विषय राजनीति से बहुत ऊपर होते हैं और इसमें सभी को एकजुट होकर सहयोग करना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केवल राजनीतिक दल ही नहीं, बल्कि आर्य समाज, सनातन धर्म से जुड़े संगठन तथा अन्य सभी सामाजिक संस्थाओं को भी इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल किया जाना चाहिए।
शान्ता कुमार ने कहा कि पूरे देश को यह संदेश जाना चाहिए कि पूरा हिमाचल प्रदेश एकजुट होकर नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है और इसे समाप्त करने के लिए सामूहिक संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।