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सुजानपुर विधानसभा सीट पर 10 साल बाद दोहराया जा रहा इतिहास

Himgiri Samachar:

शिमला, 19 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में पहली जून को लोकसभा चुनाव के साथ छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। सबकी नजर हमीरपुर जिला की सुजानपुर सीट पर लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के गृह क्षेत्र की इस सीट पर कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक राजेन्द्र राणा भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने अभी अपने उम्मीदवार का एलान नहीं किया है। एक दशक बाद फिर इस सीट पर 10 साल पुरानी परिस्थितियों बन गई हैं। यू कहां जाए कि सुजानपुर विधानसभा सीट पर इतिहास फिर से दोहराया जा रहा है।

 

 

 

दरअसल, सुजानपुर में वर्ष 2014 में विधानसभा उपचुनाव हुआ था और उस समय प्रदेश की सत्ता पर कांग्रेस काबिज थी। उस समय कांग्रेस ने सुजानपुर से निर्दलीय विधायक रहे राजेंद्र राणा को हमीरपुर संसदीय सीट पर अनुराग ठाकुर के मुकाबले चुनाव मैदान में उतारा था और उनकी धर्मपत्नी को सुजानपुर से टिकट दी थी। अब 10 साल बाद सत्ताधारी कांग्रेस सरकार में दोबारा इसी सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं और इस बार राजेंद्र राणा स्वयं चुनाव मैदान में है। फर्क सिर्फ इतना है कि वह भाजपा की टिकट पर उपचुनाव लड़ रहे हैं। 10 साल पहले राजेन्द्र राणा सुजानपुर सीट पर कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे थे और अब भाजपा की तरफ से प्रचार कर अपने लिए वोट मांग रहे हैं।

 

 

 

वर्ष 2014 में सुजानपुर विधानसभा उपचुनाव के नतीजों पर गौर करें तो राजेन्द्र राणा की धर्मपत्नी भाजपा के नरेंद्र ठाकुर से करीबी मुकाबले में हार गई थीं। इसी तरह राजेन्द्र राणा को भी हमीरपुर लोकसभा सीट पर हार मिली थी। लोकसभा की सभी चारों सीटों पर भी भाजपा ने धमाकेदार जीत दर्ज की थी। उस वक्त प्रदेश की सत्ता पर कांग्रेस विराजमान थी। एक दशक बाद दोबारा यही परिस्थिति बन गई है। सुजानपुर में फिर से विधानसभा उपचुनाव हो रहे हैं। इसके अलावा अन्य पांच सीटों पर विस उपचुनाव और चार सीटों पर लोकसभा चुनाव होंगे। इस समय प्रदेश की सत्ता पर कांग्रेस का कब्ज़ा है। एक दशक पूर्व कांग्रेस के कदावर नेता वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे तो अब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कांग्रेस के ही सुखविंदर सिंह सुक्खू हैं। अब देखना यह होगा कि क्या इस बार भी मोदी लहर में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा अपना परचम लहराएगा या कांग्रेस भाजपा को चारों खाने चित करेगी।

 

 

 

राजेन्द्र राणा की वजह से चर्चित हुई सुजानपुर सीट

 

 

 

सुजानपुर सीट राजेंद्र राणा की वजह से चर्चित हुई है। राजेंद्र राणा कभी पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के करीबी थे। वह धूमल के मीडिया सलाहकार भी रह चुके हैं। लेकिन बाद में धूमल के साथ अनबन की वजह से उन्होंने भाजपा से किनारा किया और वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ा। अपने पहले चुनाव में राजेंद्र राणा ने कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवारों को बड़े मतों से हराया और पहली बार विधानसभा पहुंचे। हालांकि डेढ वर्ष बाद राजेंद्र राणा ने निर्दलीय विधायक के पद से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कांग्रेस ने उन्हें 2014 की लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया और हमीरपुर से अनुराग ठाकुर के मुकाबले में उतारा। राजेंद्र राणा के इस्तीफा से खाली हुई सुजानपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस ने उनकी धर्मपत्नी को टिकट दिया हालांकि चुनाव में दोनों को हार का सामना करना पड़ा। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया। धूमल का मुकाबला सुजानपुर सीट पर कांग्रेस के राजेन्द्र राणा से हुआ और राणा ने धूमल को पराजित कर सियासी सनसनी मचा दी। 2022 में राजेंद्र राणा तीसरी बार सुजानपुर से विधायक बने। पिछले दिनों राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद स्पीकर ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। राजेन्द्र राणा हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा ने उन्हें सुजानपुर विधानसभा उपचुनाव में टिकट दिया है।

 

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