शिमला, 22 जनवरी । हिमाचल प्रदेश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस की सुक्खू सरकार वितीय संकट से जूझ रही है। सुक्खू कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री व उद्योग महकमा संभाल रहे हर्षवर्धन चौहान ने खुलासा किया है कि प्रदेश का सरकारी खजाना खाली है और आलम यह है कि राज्य सरकार के पास रोजाना के खर्चों को चलाने तक के लिए पैसे नहीं हैं।
अहम बात यह है कि राज्य की खस्ता माली हालत से निपटने के लिए सरकार वितीय संसाधन जुटाने के साथ-साथ अपने राजस्व खर्चों को कम करेगी और फिजूलखर्ची रोकेगी। राजस्व सम्बंधी तमाम खर्चों में कटौती करने पर सरकार में मंथन चल रहा है।
दरअसल प्रदेश 75 हज़ार करोड रुपए के कर्ज में डूबा हुआ है। जबकि इसी साल ओपीएस लागू करने से राज्य सरकार पर 800 से 900 करोड़ का वितीय बोझ पड़ने वाला है। इस रकम को जुटाना सरकार के समक्ष बड़ी चुनौती बन गया है। इसके अलावा सरकार को कर्मचारियों का 11 हजार करोड रुपए के एरियर का भी भुगतान करना है। वितीय संकट से निपटने के लिए मौजूदा सरकार इसी महीने 1500 करोड़ का कर्ज भी ले रही है, ताकि वेतन व पैंशन की अदायगी के अलावा अन्य सरकारी ख़र्चे चलाए जा सकें। सरकार के खजाने की एक बड़ी रकम कर्मचारियों की वेतन व पेंशन की अदायगी पर खर्च होती है।
ऐसे में सूबे को खस्ता माली हालत से बाहर निकालने के लिए सुक्खू सरकार ने राजस्व को बढ़ाने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों के खर्चों में कटौती करने की ओर कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंत्रियों को एक माह में रिपोर्ट देने को कहा है कि उनके विभागों में खर्चे कैसे कम किये जाएं और राजस्व को कैसे बढ़ाया जाए।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा है कि पिछ्ली भाजपा सरकार की कारगुजारी की वजह से प्रदेश का सरकारी खजाना खाली है। आलम यह है कि राज्य सरकार के पास रोजाना के खर्चों को चलाने तक के लिए पैसे नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सूबे की माली हालत ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से खर्चों में कटौती करने और राजस्व को बढ़ाने के लिए सुझाव मांगे हैं। सरकारी विभागों में राजस्व को बढ़ाने, फिजूलखर्ची को रोकने और कर्ज के बोझ को कम करने को लेकर सभी मंत्रियों को एक महीने के भीतर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपनी होगी।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश के विकास को आगे ले जाने के सरकार को नए सिरे से काम करना होगा। राजस्व की लीकेज कहां हैं और कैसे राजस्व बढ़ेगा, इस पर सरकार गम्भीरता से काम कर रही है।