हिमाचल प्रदेश में तेंदुए समेत तीन पक्षियों को लिया गया गोद Himgiri Samacharr Posted at: Nov 28, 2022 शिमला, 28 नवम्बर। हिमाचल प्रदेश में यदि वन्य जीव प्रेमी कोई व्यक्ति इन्हें गोद लेना चाहता है, तो राज्य का वन महकमा उसकी इस हरसत को पूरा करने को तैयार है। दरअसल गोद लेने वाला व्यक्ति राज्य के विभिन्न चिड़ियाघरों में मौजूद वन्य प्राणियों की देखभाल के तौर पर उनके भरण-पोषण का खर्च वहन करेगा। इसके बदले वन विभाग उस जगह पर गोद लेने वाले व्यक्ति के नाम की पट्टिका लगाने के साथ अन्य सुविधाएं भी प्रदान करता है। हालांकि गोद लिए गए वन्य प्राणी को घर पर लेने की मनाही होती है। वन विभाग की गोद लेने की देशव्यापी योजना के तहत सूबे में अभी तक एक तेंदुए समेत तीन पक्षियों को गोद लिया गया है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने जाजुराना पक्षी को 12 हज़ार रुपये में गोद लिया है। वहीं शिमला के कुफरी निवासी एक रिजॉर्ट के मालिक बलदेव ठाकुर ने कुफरी चिड़ियाघर के तेंदुआ और व्यवसायी भूषण ठाकुर ने फीजेंट पक्षी गोद लिया है। राज्य के प्रधान मुख्य संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजीव राजीव कुमार ने सोमवार को बताया कि गोद लेने की योजना को इसी साल अक्टूबर माह में शुरू किया गया है। इसके तहत अभी तक तीन पक्षी औऱ एक तेंदुआ गोद में लिया गया है। इसमें राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने हिमाचल के राजकीय पक्षी जाजुराना को गोद लिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति चिड़ियाघर के पशु पक्षियों को गोद लेना चाहते हैं, तो वह वन विभाग के पास आवेदन कर सकता है। इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति जिस पशु या पक्षी को गोद लेना चाहता है उसका सारा सालाना खर्चा वन विभाग के पास जमा करवाना होगा। चिड़ियाघर में मौजूद तेंदुआ, शेर, भूरा भालू, काला भालू, राज्य पक्षी जाजुराना समेत अन्य पशु पक्षियों को गोद लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हर पशु या पक्षी को गोद लेने के लिए एक निश्चित राशि रखी गई है। ये रकम सालाना पांच हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक है। इस योजना में पूरा चिड़ियाघर या रेस्क्यू सेंटर भी गोद लिया जा सकता है। शेर, तेंदुए और भालू को गोद लेने के लिए सालाना शुल्क दो लाख रुपये (प्रति जानवर) निर्धारित है। इसी तरह पूरे चिड़ियाघर अथवा रेस्क्यू सेंटर को गोद लेने के लिए सालाना एक करोड़ रुपये जमा करवाने होंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना का मकसद वन्य प्राणियों का भरण-पोषण करना है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में रेणुका, गोपालपुर, रिवाल्सर, कुफरी समेत पांच बड़े चिड़ियाघर हैं। इसके अलावा आठ रेस्क्यू सेंटर भी हैं, जहां के वन्य प्राणी गोद लिए जा सकते हैं। RELATED NEWS 0 Comments leave a comment Comment *Full name Name can't be empty *Email address Email can't be empty Enter valid email address