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मात्र सवा साल में 'गुड गर्वनेंस' की मिसाल बनी सुक्खू सरकार : राजेश धर्माणी

Himgiri Samachar:

शिमला, 21 अप्रैल। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा है कि वर्तमान राज्य सरकार मात्र सवा साल के कार्यकाल में ‘गुड गर्वनेंस’ की मिसाल बनी है। उन्होंने कहा कि राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से लंबित मामलों को निपटाने में राज्य सरकार को अभूतपूर्व सफलता मिली है। आम लोगों को राहत प्रदान करते हुए फ़रवरी 2014 तक इस विशेष मुहिम के तहत इंतकाल के 1.05 लाख से अधिक तथा तकसीम के सात हजार मामलों का निपटारा किया गया है। यह आँकड़े अपने आप में राजस्व लोक अदालतों के आयोजन की सफलता साबित कर रहे हैं।

 

धर्माणी ने रविवार को एक बयान में कहा कि राजस्व लोक अदालतों के आयोजन की राज्य सरकार की पहल का आज हिमाचल प्रदेश की जनता खुले दिल से स्वागत कर रही है और इसके लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को धन्यवाद दे रही है। हिमाचल में कहा जाता था कि राजस्व मामले पीढ़ियों तक भुगतने पड़ते हैं लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने इन कहावतों को बदल दिया है, जिसके लिए राजस्व क़ानूनों में संशोधन किया गया, ताकि राजस्व मामलों के निपटारे में तेज़ी लाई लाए जा सके और लोगों को दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें।

 

उन्होंने कहा कि वर्षों तक हिमाचल प्रदेश के लोगों की इस पीड़ा को किसी सरकार ने नहीं समझा और न ही उनके दर्द को दूर करने के लिए प्रयास किए, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार का एकमात्र उद्देश्य जन सेवा है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा, विशेष रुप से उस वर्ग की सेवा करने की है, जिस पर आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।

 

 

 

राजेश धर्माणी ने कहा कि मात्र सवा साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने उन तबकों की आवाज़ बनाने का प्रयास किया है, जिसके बारे में किसी सरकार ने कभी विचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के फैसलों में जन सेवा की भावना साफ़ झलकती है। वर्तमान राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना आरंभ की, महिलाओं को 1500 रुपए पेंशन प्रदान की। यही नहीं, विधवा और एकल नारियों के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार ने अनेकों योजनाएं आरंभ की हैं।

 

 

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