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मृदा एवं जल संरक्षण की रणनीति पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

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शिमला, 23 नवंबर। जापान अन्तराष्ट्रीय सहयोग एजेन्सी द्वारा वित पोषित वानिकी परियोजना हिमाचल प्रदेश के सात जिलों किनौर, कुल्लू, शिमला, बिलासपुर, मन्डी, कांगडा और लाहौल एवम स्पिति में मार्च 2018 से कार्यान्वित है। हिमाचल प्रदेश के वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन में सुधार व किसानों व ग्रामीण महिलाओं की आजीविका वृद्धि हेतु निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में वन प्रशिक्षण संस्थान चायल में मृदा एवं जल संरक्षण की रणनीति पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने की।

 

 

 

नागेश गुलेरिया ने अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहाकि हमें वन आश्रित समाज के साथ मिलकर वनों का सरंक्षण करना है जिससे उनकी आजीविका में भी वृद्धि हो। इसलिए किस मिटी पर कौन सा पौधा लाभकारी है ये ग्रामीण समाज को बताना हमारा कर्त्तव्य है। उन्होंने जल सरंक्षण के बारे में भी अधिकारियों को उचित कदम उठाने को कहा।

 

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