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डॉ. मनमोहन सिंह के नाम से जाना जाएगा हिप्पा

Himgiri Samachar:

शिमला, 01 जनवरी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा), शिमला की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर संस्थान का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखने की घोषणा की। उन्होंने हिप्पा में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्हाेंने कहा कि उनकी दूरदर्शी नीतियों के कारण देश के लोग आत्म-सम्मान के साथ खड़े हैं और हिमाचल प्रदेश के विकास में भी उनका विशेष योगदान रहा है। उनके प्रयासों से हिमाचल प्रदेश में अनेक बड़े संस्थान खुले, जिसका लाभ आज प्रदेश के लोगों को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हिप्पा की एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।

 

उन्होंने हिप्पा में स्पेशल एजुकेटर की तीन जनवरी तक चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया, जिसमें 80 शिक्षक भाग ले रहे है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को न्यू एज टेक्नोलोजी से विशेष बच्चों को पढ़ाने का प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जिससे दृष्टिबाधित बच्चों को लाभ मिलेगा। यह नई पद्धति ब्रेल का स्थान लेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के संसाधनों में दृष्टिबाधित बच्चों को भी उनका हक मिलना चाहिए। उन्होंने प्रदेश के सभी दृष्टिबाधित बच्चों को मिलने वाली 1500 रुपये मासिक पेंशन को 27 वर्ष की आयु तक बढ़ाकर 4 हजार रुपये करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसका प्रावधान राज्य सरकार आगामी बजट में करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दृष्टिबाधितों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास कर रही है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी संसाधनों से हिमाचल प्रदेश की कुल आय 16 हजार करोड़ रुपये वार्षिक है, जबकि सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर ही सालाना 27 हजार करोड़ रुपये व्यय होते हैं। उन्होंने कहा कि हमें आने वाले समय के लिए हिमाचल प्रदेश की दिशा तय करनी होगी, इसीलिए हम हिमाचल प्रदेश की आय बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, ताकि प्रदेश के लोगों का भविष्य सुखमय हो। उन्होंने कहा कि इसमें सभी वर्गों के सहयोग की आवश्यकता है। पिछले दो वर्षों से हमारी सरकार कड़ी मेहनत कर अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने में सफल रही है, जिसमें सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का सहयोग मिल रहा है।

 

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के संसाधनों में सभी वर्गों का अधिकार है, इसीलिए नीतिगत परिवर्तन लाया जा रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है और आने वाले समय में ऐसी कई योजनाएं ला रही हैं जिनसे ग्रामीण क्षेत्रों सहित ग्रामवासियों की आर्थिकी में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के साथ विधवाओं और एकल नारियों का कल्याण सुनिश्चित करने के साथ-साथ सभी वर्गों के उत्थान के लिए योजनाएं कार्यान्वित की हैं।

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