शिमला, 22 दिसंबर। राजधानी शिमला के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में डॉक्टर द्वारा एक मरीज के साथ मारपीट का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन से लेकर सरकार तक हरकत में आ गई है। वायरल वीडियो में बेड पर लेटे मरीज पर डॉक्टर हमला करते नजर आ रहे हैं। हालांकि मरीज की तरफ से भी बचाव किया गया। इस दौरान कुछ लोग भी बीच-बचाव करते नजर आए।
इस घटना के बाद मरीज के परिजनों और स्थानीय लोगों ने दोषी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए अस्पताल परिसर में हंगामा भी किया। मरीज के परिजनों ने एक डॉक्टर के खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दी है और एफआईआर दर्ज करवाई है।
यह मामला शिमला जिले के चौपाल उपमंडल से ताल्लुक रखने वाले अर्जुन पंवार से जुड़ा है, जो कुपवी क्षेत्र के निवासी हैं और शिमला के एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। जानकारी के अनुसार अर्जुन पंवार सोमवार को आईजीएमसी शिमला में एंडोस्कोपी जांच के लिए पहुंचे थे। जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें कुछ समय आराम करने की सलाह दी थी। इसी दौरान सांस लेने में दिक्कत होने पर वह पास के एक वार्ड में खाली पड़े बेड पर जाकर लेट गए।
आरोप है कि इसी दौरान वहां वार्ड से सम्बंधित एक डॉक्टर पहुंचा और मरीज को बिना अनुमति वार्ड के बेड पर लेटा देख नाराज हो गए। मरीज के अनुसार उस समय वह पूरी तरह होश में भी नहीं थे। बताया गया है कि डॉक्टर ने पहले अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और जब मरीज के साथ मौजूद अटेंडेंट ने एंडोस्कोपी के बाद आराम की अनुमति का हवाला दिया तो विवाद और बढ़ गया। आरोप है कि इसके बाद डॉक्टर ने मरीज के साथ मारपीट की।
इस पूरी घटना का वीडियो मरीज के साथ मौजूद लोगों ने अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो सामने आने के बाद मरीज के परिजन और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में आईजीएमसी पहुंच गए और एमएस कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने आरोपी डॉक्टर को तुरंत सस्पेंड करने और निष्पक्ष जांच की मांग की।
घटना के बाद आईजीएमसी प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया है। अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राहुल राव ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी मामले की रिपोर्ट तलब की है और शाम पांच बजे तक विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। प्रशासन ने निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
इस मामले पर सियासी प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि आईजीएमसी जैसे बड़े संस्थान में इस तरह की घटना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि यह घटना चिकित्सा पेशे की गरिमा और कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से स्वयं मामले का संज्ञान लेने और निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है।