शिमला, 08 जुलाई। मंडी जिले में आई भीषण मानसूनी आपदा के आठ दिन बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लौटे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सुक्खू सरकार न सड़क बहाली में सफल हो पाई है, न पेयजल व्यवस्था में और न ही आपदा प्रभावितों के पुनर्वास में। उन्होंने कहा कि मंडी में त्रासदी से तबाह हुए लोगों के जख्मों पर सरकार ने अब तक मरहम लगाने का कोई प्रयास नहीं किया है।
डॉ. बिंदल ने मंगलवार को शिमला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मंडी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक लगभग 1000 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 300 से 500 घर पूरी तरह से ढह गए हैं। उन्होंने बताया कि अभी भी 28 लोग लापता हैं जबकि क्षेत्र में गंदगी और सड़न के कारण महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है। जल शक्ति विभाग की परियोजनाएं पूरी तरह ठप पड़ी हैं और लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार वैकल्पिक पेयजल की व्यवस्था तक नहीं कर पाई है।
बिंदल ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों की हालत बहुत ही भयावह है। कई स्थानों पर बड़े-बड़े पत्थरों ने खेतों और बाग-बगीचों को पूरी तरह तबाह कर दिया है। लगभग 200 जगहों पर बागवानी और कृषि भूमि पूरी तरह नष्ट हो गई है। उन्होंने कहा कि पंडोह और मंडी के अधिकतर रास्ते आज भी बंद पड़े हैं लेकिन उन्हें खोलने के लिए सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं दिख रहा। राहत शिविरों में ठहरे प्रभावित लोगों के लिए सरकार स्थायी व्यवस्था नहीं कर सकी है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बीते आठ दिनों में सरकार को बहुत कुछ करना चाहिए था, लेकिन धरातल पर कुछ नजर नहीं आ रहा। उन्होंने कहा कि भाजपा की टीमें पहले दिन से राहत कार्यों में जुटी हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विधायक विनोद कुमार और विधायक दीपराज कपूर के नेतृत्व में भाजपा द्वारा गठित तीन टीमें लगातार मंडी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही हैं। बिंदल ने स्पष्ट कहा कि यदि जयराम ठाकुर पहले दिन मौके पर न पहुंचे होते, तो शायद सरकार को त्रासदी की भयावहता का समय रहते अंदाजा भी न लगता।
मुख्यमंत्री द्वारा भाजपा पर राजनीति के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए बिंदल ने कहा कि अगर सेवा, राहत सामग्री वितरण और पीड़ितों से संवेदना जताना राजनीति है, तो भाजपा इस ‘राजनीति’ को जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्री भी जनता के बीच जाकर पीड़ितों का दुःख बांटते तो बेहतर होता।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर की आपदा प्रबंधन क्षमताओं का उल्लेख करते हुए बिंदल ने कहा कि वर्ष 2001 में जब आपदा आई थी तो प्रेम कुमार धूमल ने हवाई ट्रॉली से आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया था और लाहौल-स्पीति की फसल को हेलीकॉप्टर से दिल्ली पहुंचाया गया था। कोविड महामारी के समय जयराम ठाकुर ने पूरे प्रदेश में सक्रिय रहकर स्थिति को संभाला था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार को भी तत्काल निर्णय लेकर जिन परिवारों को 100 प्रतिशत नुकसान हुआ है, उन्हें जमीन मुहैया करवानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि 2023 और 2024 की आपदाओं में भी सरकार ने जमीन देने का वादा किया था, लेकिन आज तक वह वादा अधूरा है। यह सरकार की नाकामी का सबसे बड़ा प्रमाण है।