शिमला, 30 दिसंबर। हिम एमएसएमई फेस्ट–2026 के एक प्रमुख आकर्षण के रूप में, उद्योग विभाग, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 4 जनवरी 2026 को होटल पीटरहॉफ, शिमला में “सीईओ इंटरेक्शन: निवेश एवं औद्योगिक विकास के लिए रणनीतिक नेतृत्व संवाद” का आयोजन किया जाएगा। यह उच्चस्तरीय, बंद-द्वार (क्लोज्ड-डोर) संवाद माननीय मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न होगा।
उद्योग मंत्री श्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि इस विशेष संवाद में फार्मास्यूटिकल्स, ग्रीन मोबिलिटी, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, डेटा सेंटर्स तथा रक्षा जैसे प्राथमिक और उभरते क्षेत्रों से जुड़े देश-विदेश के प्रतिष्ठित मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), प्रबंध निदेशक, प्रवर्तक एवं अग्रणी उद्योगपति भाग लेंगे। यह मंच उद्योग और सरकार के बीच एक सुव्यवस्थित बिजनेस-टू-गवर्नमेंट (B2G) संवाद के रूप में कार्य करेगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) आर. डी. नज़ीम ने कहा कि यह पहल राज्य सरकार की सहयोगात्मक शासन व्यवस्था, निवेशक-केंद्रित नीति निर्माण और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह संवाद हिमाचल प्रदेश को भविष्य-सक्षम, सतत और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर राज्य के विकसित होते औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र, आधारभूत संरचना की तत्परता और क्षेत्र-विशेष की क्षमताओं को प्रस्तुत किया जाएगा।
संवाद के दौरान उद्योगपतियों और सरकार के बीच प्रत्यक्ष एवं सार्थक विचार-विमर्श को प्रोत्साहित किया जाएगा। निवेशकों की अपेक्षाओं और दृष्टिकोण को समझने के साथ-साथ विशेष रूप से एमएसएमई से जुड़े विनिर्माण क्षेत्रों में एंकर निवेश, औद्योगिक क्लस्टर्स और वैल्यू-चेन एकीकरण के अवसरों का अन्वेषण किया जाएगा। यह मंच बड़े उद्योगों और स्थानीय एमएसएमई के बीच सहयोग को भी सुदृढ़ करेगा, जिससे समावेशी और सतत औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताओं में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय उद्योग नेताओं की भागीदारी, उद्योग विभाग द्वारा नीति संबोधन एवं दृष्टि प्रस्तुति, क्षेत्र-विशेष गोलमेज चर्चाएँ, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ वन-टू-वन बैठकें तथा समझौता ज्ञापनों और निवेश आशय घोषणाओं का मंच शामिल है।
निदेशक उद्योग डॉ. यूनुस ने कहा कि यह सीईओ इंटरेक्शन निवेशकों के विश्वास को सुदृढ़ करने, नए निवेश प्रस्तावों एवं विस्तार योजनाओं की पहचान करने तथा औद्योगिक और एमएसएमई नीतियों को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि यह संवाद सतत, प्रौद्योगिकी-आधारित और रोजगारोन्मुख औद्योगिक विकास के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करने में भी मदद करेगा।