|

हिमाचल विधानसभा चुनाव : भाजपा के सामने आठ पारंपरिक गढ़ों को बचाने की कड़ी चुनौती

Himgiri Samachar:HP-Election--Bjp--Traditional-fort--Challenge

शिमला, 22 नवम्बर। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवम्बर को हुए भारी मतदान के बाद अब सबकी नजर आठ दिसम्बर को आने वाले चुनाव नतीजों पर है। भाजपा जहां मिथक तोड़ते हुए सत्ता वापसी कर ''रिवाज'' बदलने का ख्वाब संजोए हुए है, वहीं कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि इस बार ''रिवाज'' नहीं ''राज'' बदलेगा और सत्ता की कमान उसके हाथ में आने वाली है। भाजपा को इस चुनाव में अपने परंपरागत गढ़ों को बचाने की चुनौती है। दरअसल तीन से लेकर सात चुनावों में लगातार जीत से कुछ सीटें भाजपा की पारंपरिक गढ़ बन चुकी हैं। भाजपा के ऐसे आठ गढ़ हैं, जिनमें भाजपा कई चुनाव से जीत दर्ज करती आ रही है। भोरंज, कुटलैहड़, सिराज, धर्मपुर, सरकाघाट, हमीरपुर, शिमला शहरी औऱ मनाली इनमें शामिल हैं। इनमें तीन ऐसे मजबूत दुर्ग हैं, जिनमें सेंध लगाने कांग्रेस व अन्य विरोधी दलों के लिये सपना बन गया है।

 

 

 

हमीरपुर जिला की भोरंज सीट ऐसी है, जहां भाजपा वर्ष 1990 से लगातार जीतती आ रही है। वर्ष 1990 से 2015 तक पूर्व शिक्षा मंत्री यहां से लगातार विधायक बने। उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनका बेटा अनिल धीमान भाजपा के विधायक चुने गए। मौजूदा समय में भाजपा की कमलेश कुमारी यहां से विधायक है।

 

 

 

इसी तरह ऊना जिला की कुटलैहड़ सीट पर वर्ष 1993 से भाजपा का कब्ज़ा है। 1993 और 1998 में रामदास मलांगड़ यहां से भाजपा के विधायक रहे। वर्ष 2003 से अब तक यह सीट भाजपा के कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर के कब्जे में है। मंडी जिला की सिराज सीट भी कई चुनावों से भाजपा का मजबूत गढ़ बन गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रतिनिधित्व वाली इस सीट पर वर्ष 1998 से भाजपा का कब्ज़ा है। यहां से जयराम ठाकुर लगातार पांच जीत दर्ज कर चुके हैं।

 

 

 

पार्टी को इस बार भी उम्मीद है कि ये तीनों मजबूत गढ़ इस बार भी सुरक्षित रहेंगे। कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा जीत का हैट्रिक लगा चुकी है। इनमें धर्मपुर, सरकाघाट, हमीरपुर, शिमला शहरी औऱ मनाली सीटें शामिल हैं। मंडी जिला की धर्मपुर सीट पर कैबिनट मंत्री महेंद्र सिंह वर्ष 1990 से अलग-अलग पार्टियों से जीतते आ रहे हैं। वर्ष 2007 से वह भाजपा की टिकट पर जीत दर्ज कर रहे हैं। भाजपा ने इस बार धर्मपुर से उनके बेटे रजत ठाकुर को उतारा है। मंडी जिला की सरकाघाट सीट भी 15 सालों से भाजपा के कब्जे में है। मौजूदा विधायक इंद्र सिंह यहां जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट कर दिलीप ठाकुर पर दांव खेला है।

 

 

 

पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के गृह जिले हमीरपुर की सदर सीट पर भाजपा का वर्ष 2007 से कब्ज़ा है। यहां पिछले तीन विस चुनाव में भाजपा ने अलग-अलग उम्मीदवार उतारकर भी जीत का परचम लहराया है। वर्ष 2007 से 2012 तक उर्मिल ठाकुर, 2012 से 2017 तक प्रेम कुमार धूमल औऱ 2017 से अब तक नरेंद्र ठाकुर यहां से विधायक बने। नरेंद्र ठाकुर इस चुनाव में दोबारा किस्मत आजमा रहे हैं। शिमला शहरी सीट पर भाजपा के सुरेश भारद्वाज लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं। इस बार भाजपा ने यहां नए चेहरे संजय सूद को उतारा है, जबकि सुरेश भारद्वाज शिमला शहरी से सटे कुसुम्पटी हल्के से चुनाव लड़ रहे हैं।

 

 

 

कुल्लू जिला की मनाली सीट पर भाजपा के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं औऱ लगातार चौथी जीत दर्ज करने के लिए मैदान में उतरे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के समक्ष इन पारम्परिक गढ़ों को बचाना चुनौती रहेगी।

 

RELATED NEWS

0 Comments

leave a comment