शिमला, 18 सितंबर। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 20 किलोमीटर दूर जुब्बड़हट्टी स्थित एयरपोर्ट पर अब बड़े विमानों के उतरने की संभावना समाप्त हो गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने रनवे को लंबा करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद यहां केवल छोटे एटीआर 42 विमान ही लैंड कर सकेंगे, जबकि एटीआर 72 जैसे बड़े विमानों को उतारने की योजना थी।
मौजूदा समय में जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट का रनवे करीब 1200 मीटर लंबा है। इसे 300 मीटर और बढ़ाकर 1500 मीटर करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था। लेकिन प्राधिकरण ने इस परियोजना को लागत और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अव्यावहारिक करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया। जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट के कार्यकारी निदेशक ललित पवार ने बताया कि रनवे विस्तार के लिए बड़ी मात्रा में जमीन अधिग्रहण करनी पड़ती और पहाड़ी क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए यह संभव नहीं है।
दरअसल शिमला का जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट टेबल टॉप रनवे है, यानी यह ऊंचाई पर बना हुआ है और इसके दोनों छोर पर गहरी ढलान है। इस वजह से इसे और लंबा करना आसान नहीं है। रनवे छोटा होने की वजह से यहां केवल छोटे विमान ही उतर पाते हैं, बड़े विमान की लैंडिंग खतरनाक साबित हो सकती है। बीते कई सालों से जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट के रनवे में विस्तार की मांग उठाई जा रही है लेकिन यह मांग सिरे नहीं चढ़ पाई।
इस एयरपोर्ट का प्रस्ताव ख़ारिज होने के बाद रनवे विस्तार का सपना टूट गया है, लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी अब यहां अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने पर काम करेगी। वर्तमान में एयरपोर्ट पर केवल एक विमान पार्क करने की सुविधा है। आने वाले समय में यहां दो एप्रन बनाए जाएंगे। इससे एक साथ दो विमान पार्क किए जा सकेंगे। इसके बाद फ्लाइट्स की संख्या बढ़ने की संभावना है।
जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट के कार्यकारी निदेशक ललित पवार ने बताया कि जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर ध्यान दिया जा रहा है। एप्रन के अलावा भवनों की स्थिति सुधारने की भी योजना है, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। अभी यहां का भवन अन्य बड़े एयरपोर्ट्स जैसा नहीं है।
बता दें कि शिमला देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों का पसंदीदा हिल स्टेशन है। गर्मियों के अलावा सर्दियों में बर्फबारी के सीजन में यहां लाखों पर्यटक घूमने आते हैं। कई विदेशी पर्यटक भी एयरपोर्ट के माध्यम से शिमला पहुंचते हैं। फिलहाल शिमला एयरपोर्ट पर चलने वाले छोटे विमान चंडीगढ़, दिल्ली और धर्मशाला जैसे शहरों से उड़ान भरते हैं। अगर रनवे लंबा होता तो बड़े विमान भी यहां उतर सकते थे और यात्रियों को सस्ती दरों पर अधिक फ्लाइट विकल्प मिलते।
इसी साल मार्च महीने में एयरपोर्ट पर टला था हादसा, इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोका था विमान
शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर इस साल मई माह में बड़ा हादसा टल गया था। दिल्ली से शिमला आए एलायंस एयर का एटीआर-42 विमान एयरपोर्ट पर इमरजेंसी ब्रेक से रोका गया था। तब विमान में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और तत्कालीन डीजीपी अतुल वर्मा सहित 44 यात्री सवार थे।
दरअसल 24 मार्च की सुबह जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे पर लैंडिंग के दौरान ब्रेक में तकनीकी गड़बड़ी की सूचना मिली थी। पायलटों को लैंडिंग के बाद गति कम करने में कठिनाई हुई, जिससे उन्हें अंतिम क्षण में आपातकालीन ब्रेक लगाने पड़े और बीच रेनवे पर लैंडिंग की शुरुआत हुई। विमान रुकने से पहले रनवे से लगभग आगे निकल गया था। हालांकि पायलटों की सूझबूझ से इमरजेंसी ब्रेक लगाकर विमान को रनवे पर रोक लिया गया था।