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हिमाचल : चुनाव प्रचार आरंभ, आम जनता के मुद्दे गायब, आरोप-प्रत्यारोप की गूंज

Himgiri Samachar:

शिमला, 05 मई। हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव और छह सीटों पर विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय वरिष्ठ नेता चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। भाजपा सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतर चुकी है, जबकि कांग्रेस की ओर से तीन विधानसभा उपचुनाव वाले सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा होना बाकी है। राज्य की सभी सीटों पर आखिरी चरण में पहली जून को मतदान होना है। जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है, राजनेताओं के हमले तीखे हो रहे हैं। फिलहाल राज्य के चुनाव प्रचार में नेताओं के व्यक्तिगत मुद्दे हावी है और सबसे ज्यादा गूंज आरोप प्रत्यारोप की है। कांग्रेस और भाजपा के नेता एक दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं।

 

 

 

चुनाव प्रचार के आरंभ में ही आम जनता और देश व प्रदेश के मुद्दे गायब हैं। विकास, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे ज्वलंत मुद्दे न पक्ष और न ही विपक्ष उठा रहा है। सबसे हॉट सीट बनी मंडी में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी जीत के लिए एक-दूसरे पर निशाना साधने में लगे हैं।

 

 

 

भाजपा ने यहां बॉलीबुड अभिनेत्री कंगना रनौत तो कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह को उतारा है। दोनों उम्मीदवार एक-दूसरे पर व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं।

 

 

 

कांग्रेस के प्रचार की कमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर है। चुनावी रैलियों में सुक्खू बगावत करने वाले कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों पर करोड़ों रुपये में बिकने के आरोप लगा रहे हैं। वह भाजपा पर उनकी सरकार को गिराने व अस्थिर करने का षडयंत्र रचने का भी आरोप जड़ रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा ने धनबल के सहारे कांग्रेस के विधायकों की खरीद-फरोख्त की है और जनता चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएगी।

 

 

 

राज्य में बीते साल आई आपदा ने भारी तबाही मचाई थी। कांग्रेस के नेता चुनावी रैलियों में आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र की मोदी सरकार ने आपदा में प्रदेश को आर्थिक मदद नहीं दी। दूसरी तरफ भाजपा के नेता कांग्रेस की सुक्खू सरकार पर आपदा राहत राशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहे हैं।

 

 

 

नेता प्रतिपक्ष व पूर्व सीएम जयराम ठाकुर चुनावी सभाओं में मुख्यमंत्री सुक्खू की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। जयराम ठाकुर ने चुनावी बैठकों व सभाओं में बयान दिया है कि मुख्यमंत्री की अनदेखी व काम करने के तौर-तरीकों से खफा होकर कांग्रेस के छह विधायकों ने भाजपा का दामन थामा है।

 

 

 

 

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