कोलकाता, 29 नवंबर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षक नियुक्ति समेत अन्य मामलों में गिरफ्तार पार्टी नेताओं को पद से बर्खास्त करने की चुनौती भी दी। शाह ने कहा कि घुसपैठ को समर्थन देने के कारण ममता बनर्जी सीएए का विरोध कर रही हैं।
अमित शाह ने कहा कि इतनी अधिक घुसपैठ वाले राज्य में विकास नहीं हो सकता। ममता बनर्जी ने घुसपैठ के मुद्दे पर एक बार संसद को ठप कर दिया था, लेकिन अब वह चुप हैं। उन्होंने दावा किया कि असम में भाजपा के सत्ता में आने के बाद कोई भी वहां घुसपैठ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि असम ने घुसपैठ रोकने की दिशा में सराहनीय काम किया है। लेकिन पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार की वोट बैंक की राजनीति के कारण घुसपैठ जारी है। ममता बनर्जी सीएए का विरोध कर रही हैं, लेकिन मैं साफ कह दूं कि सीएए देश में लागू किया जाएगा। कोई भी सीएए को लागू होने से नहीं रोक सकता।
बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के निलंबन को लेकर ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि वह अधिकारी को चुप कराने की कोशिश कर सकती हैं लेकिन राज्य के लोगों को वह चुप नहीं करा सकतीं। राज्य के मुख्यमंत्री पद पर उनकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। शाह ने ममता बनर्जी को भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार अपने नेताओं को पार्टी से निलंबित करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ऐसा नहीं कर सकतीं क्योंकि उन्हें आशंका है कि वे लोग उनके भतीजे को फंसा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल के लोग तृणमूल के कट-मनी और सिंडिकेट से परेशान हो गए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा में भाजपा के 212 कार्यकर्ता मारे गए हैं और लोग 2026 के विधानसभा चुनाव में अपने मतों से इन हत्याओं का बदला लेंगे। शाह ने लोगों से लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए बड़ी जीत सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ''हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भाजपा पश्चिम बंगाल में अगली सरकार बनाए। इसे हासिल करने के लिए, हमें अगले संसदीय चुनाव में राज्य से अधिकतम लोकसभा सीटें जीतनी होंगी।'' इस रैली में शाह के साथ राज्य के केंद्रीय मंत्री और अन्य नेता भी शामिल हुए।