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शिमला में नकली सोना गिरवी रखकर बैंक से लिया 20 लाख का लोन, तीन पर मामला दर्ज

Himgiri Samachar:

शिमला, 08 अप्रैल। राजधानी शिमला में एक्सिस बैंक के साथ नकली सोना गिरवी रखकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। दो व्यक्तियों ने नकली सोना गिरवी रखकर बैंक से गोल्ड लोन के नाम पर लगभग 20 लाख रुपये की ठगी की है। मामले में एक ज्वैलरी मूल्यांकनकर्ता की भी मिलीभगत सामने आई है जिसने फर्जी आभूषणों को असली बताकर लोन स्वीकृत करवाने में अहम भूमिका निभाई। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

 

पुलिस में यह शिकायत एक्सिस बैंक लिमिटेड की शिमला मॉल रोड शाखा में कार्यरत ब्रांच ऑपरेशंस मैनेजर अशिष परमार ने दर्ज करवाई है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि बैंक के दो ग्राहक बसंत लाल और इंदर जस्ता ने अलग-अलग समय पर गोल्ड लोन के लिए आवेदन किया था। उन्होंने जो गहने गिरवी रखे, वे प्रारंभिक जांच में असली प्रतीत हुए और लोन स्वीकृत कर दिया गया। लेकिन बाद में विस्तृत जांच में यह गहने नकली पाए गए। गहनों में सोने की मात्रा बिल्कुल भी नहीं थी बल्कि वे किसी अन्य धातु से बनाए गए थे जिन पर सोने की कोटिंग मात्र की गई थी।

 

इस धोखाधड़ी में ज्वैलरी का मूल्यांकन करने वाले अनिल कुमार की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। उसने इन नकली गहनों को बिना सही जांच किए ही मूल्यांकन प्रमाणपत्र दे दिया, जिससे बैंक को यह विश्वास हो गया कि गिरवी रखे गए आभूषण शुद्ध सोने के हैं। बैंक प्रबंधन के अनुसार इस फर्जीवाड़े से कुल लगभग 20 लाख 4 हजार 400 रुपये की वित्तीय हानि हुई है जिसमें मूल लोन राशि के अलावा उस पर लगा ब्याज भी शामिल है।

 

शिमला के सदर पुलिस थाने में इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। जांच में यह भी देखा जाएगा कि कहीं इस प्रकार की ठगी किसी संगठित गिरोह के माध्यम से तो नहीं की जा रही और क्या इन्होंने अन्य बैंकों को भी इसी तरह का निशाना बनाया है।

 

वहीं बैंक अधिकारियों का कहना है कि नकली गहनों की पहचान कर पाना सामान्य ग्राहकों के लिए कठिन होता है और यही जिम्मेदारी मूल्यांकनकर्ता की होती है कि वह सही परीक्षण कर प्रमाणित करे कि आभूषण शुद्ध सोने के हैं या नहीं। इस मामले में मूल्यांकनकर्ता की लापरवाही या मिलीभगत साफ नजर आती है जिसने जानबूझकर गलत रिपोर्ट दी और बैंक को धोखे में रखा। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।

 

गौरतलब है कि शिमला में इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। इसी साल जनवरी में भी दो अन्य नामी बैंकों में नकली सोना गिरवी रखकर करीब 59 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया था।

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