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देश में इस साल 105 प्रतिशत हो सकती है मानसूनी बारिशः आईएमडी

Himgiri Samachar:

नई दिल्ली, 15 अप्रैल। देश में इस वर्ष अच्छी बारिश के आसार हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि जून से सितंबर 2025 तक मानसून बेहतर रहेगा। इस दौरान 105 प्रतिशत मानसूनी बारिश हो सकती है। यानी इस साल देश में 87 सेंटीमीटर बारिश होने की उम्मीद है।

 

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने मौसम विभाग में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जून से सितंबर तक वर्षा सामान्य से अधिक रहेगी। इस साल भारतीय उपमहाद्वीप में मानसून के दौरान अल नीनो स्थितियां विकसित होने की संभावना नहीं हैं। देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, केवल उत्तर पश्चिम भारत और दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों को छोड़ कर सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। यानी देश के 80 प्रतिशत जगहों में सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान है। सिर्फ नॉर्थवेस्ट, ईस्ट, उत्तर- ईस्टर्न इंडिया में सामान्य से नीचे बारिश होने के आसार हैं।

 

रविचंद्रन ने बताया कि पिछले तीन महीने यानी जनवरी से मार्च 2025 के दौरान उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया में बर्फ की चादर सामान्य से नीचे थी। उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और वसंत में बर्फ की चादर के विस्तार का भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसून वर्षा के साथ एक सामान्य विपरीत संबंध है। इस साल केरल में मानसून आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मई के मध्य में दी जाएगी।

 

उल्लेखनीय है कि चार महीने के मानसून सीजन के लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज 86.86 सेंटीमीटर होता है। यानी मानसून सीजन में कुल इतनी बारिश होनी चाहिए। मानसून एक जून के आसपास केरल के रास्ते आता है। चार महीने की बारिश के बाद यानी सितंबर के अंत में राजस्थान के रास्ते मानसून की वापसी होती है। कई राज्यों में यह 15 से 25 जून के बीच पहुंचता है।

 

क्या है अल नीनो-

 

अल नीनो एक जलवायु पैटर्न है। इसमें समुद्र का तापमान 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। इसका प्रभाव 10 साल में दो बार होता है। इसके प्रभाव से ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र में कम और कम बारिश वाले क्षेत्र में ज्यादा बारिश होती है। भारत में अल नीनो के कारण मानसून अक्सर कमजोर होता है, जिससे सूखे की स्थिति बनती है।

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