शिमला, 25 जनवरी। हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह कांगड़ा जिले के बैजनाथ में आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस समारोह की अध्यक्षता की। प्रदेश के चार लाख से अधिक कर्मचारी और पेंशनर इस मौके पर लंबित डी.ए. (महंगाई भत्ता) और एरियर को लेकर बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उनकी उम्मीदों को झटका लगा। उनकी इन मांगों पर कोई घोषणा नहीं हुई।
कर्मचारियों और पेंशनरों को थी उम्मीद
दरअसल कर्मचारी संगठनों और पेंशनरों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री लंबित 11 फीसदी डी.ए. और उसके एरियर की अदायगी को लेकर कोई बड़ी घोषणा करेंगे। इससे पहले सरकार ने दिवाली के मौके पर 4 फीसदी डी.ए. की एक किस्त जारी की थी, लेकिन लंबित डी.ए. और एरियर की अदायगी अब भी बाकी है।
वित्तीय संकट बना रोड़ा
सरकार की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण डी.ए. और एरियर का एकमुश्त भुगतान करना कठिन साबित हो रहा है। समारोह में कोई घोषणा न होने से कर्मचारियों और पेंशनरों में नाराजगी बढ़ गई है। आमतौर पर हर साल पूर्ण राज्यत्व दिवस पर कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए कुछ घोषणाएं की जाती थीं, लेकिन इस बार ऐसा न होने से उन्हें निराशा हुई है।
केंद्र सरकार के 8वें वेतन आयोग का प्रभाव
विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। लेकिन प्रदेश सरकार अभी तक अपने कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का एरियर भी नहीं दे पाई है।
लंबित डी.ए. और एरियर पर स्थिति
प्रदेश सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों का 1 जुलाई 2022 और 1 जनवरी 2023 से लंबित डी.ए. और एरियर का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। कर्मचारी संगठन लगातार इन मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से केवल आश्वासन मिल रहे हैं।
पेंशनरों की भी मांग नहीं हुई पूरी
पेंशनरों ने भी सरकार पर अपने लंबित वित्तीय लाभों को लेकर ध्यान न देने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वे लंबे समय से अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। पेंशनरों ने सरकार से जल्द से जल्द उनकी मांगें पूरी करने की अपील की है।