शिमला, 05 फ़रवरी। हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से जारी शुष्क मौसम का दौर आखिरकार खत्म हो गया। राज्यभर में ताजा बर्फबारी और बारिश दर्ज की गई जिससे किसानों और बागवानों ने राहत की सांस ली। गेहूं और अन्य फसलों के लिए यह बारिश जीवनदायिनी साबित होगी जबकि ऊपरी इलाकों में हुई बर्फबारी से सेब उत्पादकों को भी काफी फायदा होगा। बर्फबारी से प्रदेश के टूरिस्ट स्टेशनों की रौनक बढ़ गई है और बड़ी संख्या में पर्यटक बर्फबारी का लुत्फ उठाने पहुंच रहे हैं।
प्रदेश के कई जिलों में मंगलवार रात से ही मौसम का मिजाज बदला और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी जबकि मैदानी क्षेत्रों में तेज़ बारिश दर्ज की गई। लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, शिमला, चंबा और सिरमौर जिलों के ऊपरी इलाकों में ताजा हिमपात हुआ। पर्यटन नगरी मनाली, नारकंडा, कुफरी और सोलंगनाला में हुई बर्फबारी से सैलानी खासे उत्साहित हैं।
रोहतांग समेत ऊंचे दर्रों में बर्फबारी, लाहौल-स्पीति में यातायात प्रभावित
रोहतांग दर्रे सहित शिंकुला, बारालाचा और कुंजुम दर्रे में भारी हिमपात हुआ। अटल टनल के दोनों छोर भी बर्फ से ढक गए हैं। इसके अलावा हनुमान टिब्बा, मकरवेद, शिकर वेद, इंद्रकिला, चंद्रखणी, हमटा, धुंधी, भृगु और दशौहर की पहाड़ियों पर भी बर्फबारी दर्ज की गई। लाहौल-स्पीति के लेडी ऑफ केलांग, नीलकंठ और चंद्रताल की पहाड़ियां भी बर्फ की सफेद चादर में लिपट गई हैं।
बर्फबारी के चलते लाहौल-स्पीति जिले में वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। कई सड़कों पर बर्फ जमा होने के कारण प्रशासन ने यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। शिमला जिले के कुफरी, नारकंडा और चांशल में भी बर्फबारी हुई, जबकि मनाली में हल्की बर्फबारी दर्ज की गई। शिमला-रामपुर नेशनल हाइवे-पांच पर नारकण्डा के पास आवाजाही आंशिक तौर पर प्रभावित हुई है।
मैदानी इलाकों में तेज़ बारिश, तूफान से पेड़ गिरे
मैदानी इलाकों में बीती रात मौसम का मिजाज और बिगड़ गया। कांगड़ा जिले के डाडासीबा क्षेत्र में तेज़ आंधी और बिजली कड़कने के साथ भारी बारिश हुई। इस दौरान कई छोटे पेड़ उखड़ गए और उनकी शाखाएं टूटकर सड़कों पर गिर गईं। डाडासीबा-ढलियारा मार्ग के बतवाड़ गांव में एक पेड़ टूटकर सड़क पर गिर गया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। हालांकि लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने जेसीबी की मदद से जल्द ही रास्ता बहाल कर दिया।
तेज़ तूफान के कारण कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बर्फबारी और बारिश दर्ज की गई। कोठी में सबसे ज्यादा 33 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई, जबकि गोंदला में 11, केलंग में 9, कुकुमसेरी और भरमौर में 8-8, मनाली में 7, जोत में 6, कल्पा, शिलारू और खदराला में 5-5 तथा कुफरी में 4 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई।
वहीं बारिश की बात करें तो सबसे अधिक 44 मिलीमीटर वर्षा सलूणी में दर्ज की गई। इसके अलावा कसौल में 30, करसोग में 24, भुंतर में 21, जोगिंदरनगर में 19, बंजार में 18 और शिमला में 16 मिलीमीटर बारिश हुई।
तापमान गिरा, ठंड बढ़ी
मौसम में आए इस बदलाव से प्रदेशभर में कड़ाके की ठंड लौट आई है। चार शहरों में न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया। ताबो में तापमान -4.3 डिग्री, केलंग में -4.2 डिग्री, कुकुमसेरी में -0.9 डिग्री और कल्पा में -1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
शिमला का न्यूनतम तापमान 3.3 डिग्री, मनाली और भरमौर का 0.2 डिग्री, जबकि डलहौजी का न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। तापमान में गिरावट से प्रदेशभर में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है।
अगले दो दिन मौसम साफ, आठ से फिर शुरू होगा बर्फबारी का दौर
मौसम विभाग के अनुसार आज बुधवार को भी प्रदेश के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और अन्य क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी हुई है। विभाग ने कुछ स्थानों पर आंधी और बिजली कड़कने की चेतावनी जारी की है।
हालांकि अगले दो दिन यानी छह और सात फरवरी को मौसम साफ रहने की संभावना जताई गई है लेकिन मैदानी इलाकों में घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके बाद आठ से 11 फरवरी तक फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा जिससे पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और अन्य हिस्सों में बारिश हो सकती है।