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हिमाचल विधानसभा में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामा

Himgiri Samachar:

शिमला, 21 मार्च। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामा हुआ। यह हंगामा उस समय हुआ जब बिलासपुर सदर विधायक त्रिलोक जम्वाल ने एसीसी और अंबुजा सीमेंट कंपनियों में तालाबंदी के दौरान एक स्थानीय नेता द्वारा अडाणी की एसीसी कंपनी के जीएम को पिस्तौल के बल पर धमकाने और पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने का मामला उठाया। इसी दौरान भाजपा सदस्य व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. हंस राज ने मनीकर्ण और मनाली में पंजाब से आये सैलानियों द्वारा तोड़फोड़ करने और कानून को अपने हाथ में लेना का मामला उठाया, जिस पर सदन में दोनों ओर से काफी देर तक शोरगुल होता रहा। बाद में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के हस्तक्षेप से यह हंगामा शांत हुआ और प्रश्नकाल फिर से सुचारू रूप से चला।

इससे पूर्व त्रिलोक जम्वाल के मूल प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बिलासपुर के घाघस में एक व्यक्ति को दिन दिहाड़े गाड़ी में मारने का प्रयास किया गया। इस संबंध में पुलिस थाना बरमाणा में एफआईआर दर्ज है और नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस जांच में पाया गया कि इस घटना में वास्तव में जिस वस्तु को पिस्तौल के रूप में दर्शाया गया, वास्तव में वह एक खिलौना था। उन्होंने कहा कि इस घटना में प्रयुक्त सभी वस्तुओं को पुलिस ने घटना के तुरंत बाद अपने कब्जे में ले लिया था और आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 506 के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद एसीसी अदानी कंपनी के जीएम को पीएसओ भी उपलब्ध करवाया गया है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर आने-जाने वाले का स्वागत है और सरकार सभी की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि आपराधिक घटना में कोई भी शामिल हो, उसके खिलाफ प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने त्रिलोक जम्वाल द्वारा बिलासपुर सदर में एक पंचायत प्रधान द्वारा पुलिस और विजिलेंस की कार्रवाई पर कहा कि यदि कोई कार्रवाई हुई है तो जरूर पुलिस के पास इनपुट होगा। इस दौरान भाजपा के हंस राज और संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान के बीच गर्मागर्म बहस भी हुई, जिस पर सत्ता पक्ष की ओर से उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सहित कई विधायक व मंत्री सरकार के बचाव में खड़े हो गए। बाद में अध्यक्ष के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ।

 

मंडी के बल्ह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लेकर विधायक इंद्र सिंह गांधी, विनोद कुमार और सुधीर शर्मा के संयुक्त सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की तारीख में इस हवाई अड्डे के निर्माण पर 8034 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें से जमीन के अधिग्रहण पर 2786 करोड़ रुपए खर्च होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो आम लोगों के सपनों को पूरा करते हैं और बल्ह हवाई अड्डा तो पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट है, इसे तो हम अवश्य ही पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार इस हवाई अड्डे के लिए जल्द पैसा स्वीकृत करवाने का प्रयास करेगी और फिर इसका शिलान्यास होगा।

 

विधायक अजय सोलंकी के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के तहत एफसीए के तहत सरकार द्वारा 332 मामलों को अनुमोदित किया गया, जबकि 164 मामले अनुमोदन के लिए लंबित हैं। उन्होंने कहा कि एफआरए के तहत सरकार द्वारा 1415 मामलों को अनुमोदित किया गया है और 395 मामले अनुमोदन के लिए लंबित है।

 

विधायक अनिल शर्मा के एक सवाल के दौरान हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री ने मंडी बाजार में लोकनिर्माण विभाग द्वारा मौजूदा दामों से अधिक कीमत पर जमीन के अधिग्रहण और अधिग्रहण से पहले ही जमीन की कीमत पर ब्याज लगाने के मामले की सरकार जांच करेगी। उन्होंने कहा कि जमीन की कीमत यदि मौजूदा दामों से अधिक हुई तो इस मामले में कार्रवाई भी की जाएगी और किसी भी तरह का भ्रष्टाचार सहन नहीं होगा। इससे पूर्व इसी सवाल के मूल उत्तर में लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जिस जमीन का अधिग्रहण होना है, वह निजी जमीन है और बिल्टअप एरिया है। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग को इस मामले में नुकसान नहीं होने दिया जाएगा और मौजूदा दामों पर ही जमीन का अधिग्रहण होगा।

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