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हिमाचल में पशु मित्रों को मिलेंगे 5 हजार रुपये, रोजाना 4 घंटे काम, नौकरी होगी अस्थायी

Himgiri Samachar:
शिमला, 24 अगस्त। हिमाचल प्रदेश सरकार ने युवाओं को रोजगार और पशुपालन विभाग को मजबूती देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में अब मल्टी टास्क वर्कर को "पशु मित्र" नाम से जोड़ा जाएगा। इसके लिए "पशु मित्र नीति-2025" लागू कर दी गई है। सरकार ने साफ कर दिया है कि यह नौकरी पूरी तरह अस्थायी होगी और भविष्य में किसी भी तरह की नियमित नियुक्ति का हक पशु मित्रों को नहीं मिलेगा।


सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक प्रदेशभर के पशु चिकित्सालयों, औषधालयों, पॉलीक्लिनिक, भेड़-बकरी और गौशालाओं, पोल्ट्री फार्मों व प्रयोगशालाओं में स्थानीय युवाओं को पशु मित्र के तौर पर तैनात किया जाएगा। हर पशु मित्र को 5,000 रुपये मासिक मानदेय मिलेगा और उनसे केवल 4 घंटे की ड्यूटी ली जाएगी।


कौन बन सकता है पशु मित्र


पशु मित्र बनने के लिए उम्मीदवार हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। उसकी उम्र 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए। उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास होगी। यह परीक्षा हिमाचल प्रदेश के किसी स्कूल/संस्थान से उत्तीर्ण होनी चाहिए, लेकिन बोनाफाइड हिमाचली के लिए यह शर्त लागू नहीं होगी। अच्छे चरित्र और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है। पशुपालन से जुड़ा ज्ञान और प्रदेश की बोली-भाषा और रीति-रिवाज की जानकारी रखने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।


दो चरणों में होगा चयन, पास करनी होगी शारीरिक परीक्षा


चयन दो चरणों में होगा। पहले चरण में शारीरिक परीक्षा होगी, जिसमें उम्मीदवार को 25 किलो वजन उठाकर 100 मीटर दूरी एक मिनट में तय करनी होगी। यह परीक्षा इसलिए रखी गई है क्योंकि पशु मित्रों को बड़े पशुओं को संभालने, बीमार और नवजात पशुओं को उठाने, मृत पशुओं का निपटान करने और भारी चारे की बोरियां या तरल नाइट्रोजन के कंटेनर उठाने जैसे काम करने होंगे। शारीरिक परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा। चयन उपमंडल स्तर पर गठित समिति करेगी, जिसकी अध्यक्षता एसडीएम करेंगे।


काम और जिम्मेदारियाँ


पशु मित्रों को पशुओं को पकड़ना और संभालना, इलाज व टीकाकरण में मदद करना, अस्पताल व फार्मों की सफाई, चारा-पानी पहुँचाना, दवाइयां व उपकरण संभालना, पोल्ट्री और लैब की देखभाल करना तथा मृत पशुओं का निपटान करना होगा।


छुट्टियाँ और नियम


सरकार ने छुट्टियों का भी प्रावधान रखा है। पशु मित्रों को साल में 12 दिन की छुट्टी, रविवार और राजपत्रित छुट्टियाँ मिलेंगी। महिला कर्मचारियों को दो बच्चों तक 180 दिन मातृत्व अवकाश और गर्भपात की स्थिति में 45 दिन की छुट्टी मिलेगी। किसी अन्य छुट्टी की अनुमति नहीं होगी और यदि कोई लगातार सात दिन तक बिना अनुमति अनुपस्थित रहता है तो उसकी सेवा स्वतः समाप्त हो जाएगी।


सेवा छोड़ने का नियम


पशु मित्र चाहें तो एक महीने का नोटिस देकर नौकरी छोड़ सकते हैं। वहीं, असंतोषजनक काम, अनुशासनहीनता, कदाचार या स्वास्थ्य कारणों से विभाग कभी भी सेवा समाप्त कर सकता है।


उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पशुपालन विभाग में 500 पशु मित्रों की भर्ती को मंजूरी दी गई है। 

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