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हिमाचल विधानसभा में पक्ष-विपक्ष में तीखी नोक-झोंक, कार्यवाही स्थगित

Himgiri Samachar:

शिमला, 26 अगस्त । हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को असंसदीय व आपत्तिजनक शब्दों के प्रयोग को लेकर पक्ष व विपक्ष के बीच जोरदार हंगामा हुआ और विधानसभा अध्यक्ष को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। यह मामला तब शुरू हुआ, जब भाजपा विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने आरोप लगाया कि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने नेता प्रतिपक्ष के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है। इस मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई और देखते ही देखते सदन में नारेबाजी शुरू हो गई। स्थिति बिगड़ने पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन की कार्यवाही तय समय से पहले भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी।

 

विपिन सिंह परमार ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष आसन को निर्देश देने का प्रयास कर रहा है, जो परंपरा के खिलाफ है। वहीं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि नियम 54 के तहत प्रश्न पूछने का तरीका तय है। उन्होंने कहा कि विधायकों से विशेष शब्दों का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं छीना जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि भाजपा सरकार के समय लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करवाई जाए।

 

इस बीच नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री उद्योगों से जुड़े सवाल पर जवाब देते समय राजनीतिक बयानबाजी कर रहे थे, जबकि इसका विषय से कोई संबंध नहीं था। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष बार-बार भाजपा पर हिमाचल को बेचने के आरोप लगाता है, जो गलत है और इसे कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि औद्योगिक निवेश आकर्षित करने के लिए कई राज्यों में विशेष पैकेज दिए जाते हैं।

 

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने व्यवस्था दी कि वे शब्द जो सदन का माहौल बिगाड़ते हैं, कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि सदन को नियमों के अनुरूप चलाने के लिए दोनों पक्षों का सहयोग जरूरी है। उन्होंने बीते दिन पेखुबेला प्रोजेक्ट पर हुई चर्चा का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि चर्चा विषय से हटकर होगी तो उसे कार्यवाही में शामिल नहीं किया जाएगा।

 

भाजपा विधायक सुधीर शर्मा द्वारा दिए गए डीओ नोट को भी विधानसभा अध्यक्ष ने रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि इस डीओ नोट के साथ कोई प्रमाण या दस्तावेज संलग्न नहीं था, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।

 

वहीं, अध्यक्ष ने एक और महत्वपूर्ण व्यवस्था दी कि अब विधानसभा सदस्य अपने भाषण का वीडियो केवल शाम पांच बजे के बाद ही यूट्यूब पर डाल सकेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले की तरह सदस्यों को उनका गैर-संपादित वीडियो नहीं दिया जाएगा।

 

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