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हिमाचल प्रदेश में पंचायतों के पुनर्गठन पर चुनाव आयोग ने लगाई रोक

Himgiri Samachar:
शिमला, 17 नवम्बर। हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतों और नगर निकायों की सीमाओं, संरचना और वर्गीकरण में किसी भी तरह का बदलाव करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। आयोग ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट, 2020 के एक महत्वपूर्ण प्रावधान को लागू करते हुए यह अधिसूचना जारी की है। इसे शीर्ष प्राथमिकता और समयबद्ध चुनावी कार्य के रूप में चिह्नित किया गया है, ताकि उन पंचायतों और नगर निकायों के समय पर चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें जिनका कार्यकाल अगले वर्ष पूरा होने जा रहा है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल कुमार खाची ने सोमवार को इस सम्बंध में आदेश जारी किया है। 


यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के आधार पर लिया गया है। एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि संविधान के अनुच्छेद 243E(1) और 243U(1) के अनुसार पंचायतों और नगर निकायों की चुनावी प्रक्रिया उनके पांच वर्षीय कार्यकाल समाप्त होने से छह महीने पहले शुरू हो जानी चाहिए। आयोग का कहना है कि पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के लिए अब 75 दिन और शहरी निकायों के लिए लगभग 60 दिन ही बचे हैं, जो स्थिति की गंभीरता और तात्कालिकता को दर्शाता है।


राज्य में कई स्थानीय निकायों का कार्यकाल समाप्ति के करीब है। पंचायतों का कार्यकाल 31 जनवरी 2026, 50 नगर निकायों का 18 जनवरी 2026 तथा धर्मशाला, पालमपुर, मंडी और सोलन नगर निगमों का कार्यकाल 13 अप्रैल 2026 को समाप्त होने जा रहा है। अंब, चिडग़ांव, कंडाघाट, नेरवा और निरमण्ड नगर पंचायतों का कार्यकाल 16 अप्रैल 2026 को पूरा होगा। सभी 3,577 ग्राम पंचायतों, 90 पंचायत समितियों, 11 जिला परिषदों और 71 नगर निकायों का परिसीमन पूरा कर अंतिम अधिसूचना जारी की जा चुकी है। 3,548 ग्राम पंचायतों और 70 नगर निकायों की मतदाता सूचियाँ भी अंतिम रूप से प्रकाशित हो चुकी हैं। शेष 29 पंचायतों की मतदाता सूचियाँ 1 दिसंबर और एक नगर निकाय की सूची 7 दिसंबर 2025 को प्रकाशित की जाएगी।


निर्वाचन आयोग पहले ही 1 मई, 4 जुलाई और 28 जुलाई 2025 को सरकार को स्पष्ट कर चुका है कि एक बार वार्ड परिसीमन अंतिम हो जाने के बाद संबंधित निकायों की सीमाएँ स्वतः फ्रीज मानी जाएंगी। आयोग ने अपने संवैधानिक और वैधानिक अधिकारों का उपयोग करते हुए निर्देश दिया है कि चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक राज्य की किसी भी पंचायत या नगरपालिका की सीमाओं, वर्गीकरण या संरचना में बदलाव नहीं किया जाएगा। 


बता दें कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की थी। पंचायती राज विभाग ने 1 नवंबर को अधिसूचना जारी कर सभी उपायुक्तों को 15 दिन में पुनर्गठन संबंधी प्रस्ताव भेजने को कहा था।


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