|

कांग्रेस को अपनी संगठनात्मक शक्ति को बढ़ाना होगाः खरगे

Himgiri Samachar:

नई दिल्ली, 26 दिसंबर। कर्नाटक के बेलगावी में गुरुवार को कांग्रेस की विस्तारित कार्य समिति की बैठक में "नव सत्याग्रह" की शुरुआत हो गई। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उद्घाटन भाषण में कहा कि हमें अपनी संगठनात्मक शक्ति को बढ़ाना होगा। हमारे समर्थक जानना चाहते हैं कि हम अपने आप को शक्तिशाली बनाने के लिए क्या करने वाले हैं? वैसे लोग जो हमारे समर्थक नहीं है परन्तु केंद्र सरकार से अपनी उम्मीद खो बैठे हैं, वो भी जानना चाहते हैं कि हम कैसे अपने आप को मजबूत बनाएंगे।

 

बैठक शुरू होने से पहले मल्लिकार्जुन खरगे ने झंडोत्तोलन किया। उससे पहले पार्टी अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने मार्च किया। खरगे ने बैठक में शामिल पदाधिकारियों और नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि आज कांग्रेस के इतिहास में बहुत सुनहरा दिन है। गांधी जी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के सौवें वर्ष पर बेलगावी (बेलगांव) में महात्मा गांधी नगर में ऐतिहासिक नव सत्याग्रह बैठक हो रही है। 100 साल पहले यहीं 26 दिसंबर 1924 को 3 बजे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी। इससे पहले मौलाना मुहम्मद अली जौहर कांग्रेस अध्यक्ष थे। इस मौके पर सेवादल के संस्थापक डा. एनएस हार्डिकर को याद कर मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। यहीं से कांग्रेस के इतिहास में रोज सुबह राष्ट्रीय ध्वज समारोह पूर्वक फहराने और शाम को उतारने का सिलसिला आरंभ हुआ।

 

खरगे ने कहा कि गांधीजी केवल एक बार एक साल के लिए ही कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। गांधीजी ने छुआछूत और भेदभाव के खिलाफ मुहिम को कांग्रेस के मुख्य एजेंडे में शामिल किया। कांग्रेस के पास राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और नेहरू की विरासत है। गांधीजी ने उन दिनों कोहाट और गुलबर्गा जैसे शहरों में हो रहे सांप्रदायिक दंगों से आहत होकर चिंता व्यक्त की थी। आज का सत्ताधारी दल और उनके नेता खुलेआम भड़काऊ नारे देते हैं और उनके बड़े नेता ही समाज में सद्भाव बिगाड़ रहे हैं, समुदायों के बीच नफ़रत फैला रहे हैं। पिछले 140 वर्षों की यात्रा में पार्टी ने बहुत उतार चढ़ाव देखे, पर कांग्रेस आज भी गांधीजी के विचारों की रोशनी में उनके सिद्धांतों को समर्पित और उसूलों पर कायम है।

 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कर्नाटक उनका गृह राज्य है। आज हम जब 100 वर्ष पुराने ऐतिहासिक क्षण को पुनर्जीवित कर रहे हैं तो कर्नाटक में गांधीजी के विचारों की सरकार चल रही है। संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाते हुए महात्मा बसेश्वर, महात्मा फुले औऱ बाबा साहेब आंंबेडकर जैसे महापुरुषों के दिखाए विचारों पर आगे बढ़ रही है। हमने संसद सत्र में संविधान पर हो रही चर्चा के दौरान बाबा साहेब आंबेडकर के बारे में गृहमंत्री का घोर अपमानजनक बयान सुना। हमने आपत्ति दर्ज की, विरोध जताया, प्रदर्शन किया। अब तो पूरे देश में प्रदर्शन हो रहा है। किंतु प्रधानमंत्री और सरकार गलती मानने को तैयार नहीं है। अमित शाह से माफ़ी और इस्तीफ़ा लेना तो दूर, उल्टा आपत्तिजनक बयान का समर्थन किया। राहुल गांधी पर झूठा केस दर्ज कर दिया। हम किसी से डरनेवाले नहीं हैं, ना ही झुकने वाले हैं। हम नेहरू-गांधी की विचारधारा और बाबा साहेब के सम्मान के लिए आख़िरी दम तक लड़ेंगे। भाजपा के लोग हमारे ऊपर झूठा आरोप लगाते हैं कि हमने बाबा साहब का सम्मान नहीं किया। सबको मालूम है कि संसद में जो बाबा साहेब की मूर्ति 1967 में कांग्रेस ने लगवायी।

 

उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल के लोगों द्वारा संविधान के प्रस्तावना का अपमान होता रहता है। संवैधानिक प्रावधानों और मूल्यों का आदर नहीं होता है। संवैधानिक संस्थाओं को नियंत्रित किया जा रहा है। कभी वोटरों का नाम सूची से काटा जाता है। कभी उनको वोट डालने से रोका जाता है। कभी वोटर सूची संख्या में अचानक वृद्धि हो जाती है। कभी वोट डालने के अंतिम समय में वोट प्रतिशत अप्रत्याशित तरीके से बढ़ जाता है। डा. मनमोहन सिंह की सरकार में हमने किसानों की 72 हज़ार करोड़ रुपये की ऋणमाफ़ी की। फसल का अधिकतम एमएसपी दिया। उनके हक में भूमि अधिग्रहण कानून बनाया। कई काम हुए। मनरेगा, आरटीआई, भोजन और शिक्षा का अधिकार दिए। आज जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं है। इसलिए हमें इनकी मदद के लिए आगे आना होगा।

 

खरगे ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा एवं भारत जोड़ो न्याय यात्रा से देश के राजनीतिक वातावरण को बदलने में काफ़ी ताक़त मिली। इसलिए हमें अपने संगठनात्मक शक्ति को बढ़ाना होगा। सन् 2025 हमारे संगठन-सशक्तीकरण का साल होगा। हम संगठन में सभी रिक्त पदों को भरेंगे। उदयपुर घोषणा को पूरी तरह से लागू करेंगे। अपने संगठन को मंडल और बूथ तक चुनाव जीतने के लिए आवश्यक कौशल से सुसज्जित करेंगे। नयी शक्ति को मौका देने की जरूरत है। स्थानीय एवं नए नेतृत्व को भी उभारने की जरूरत है। हम बेलगावी से नये संदेश और नये संकल्प के साथ लौटेंगे।

 

खरगे ने मशहूर हिन्दी कवि भवानी प्रसाद मिश्र की कविता के साथ अपना भाषण समाप्त किया, जो इस प्रकार है,"सामन्यतया मौन अच्छा है/मगर चितंन के लिए/कितुं जब चारों ओर शोर हो/सच की हत्या के लिए/तब तुम्हें अपनी बात जोरदार शब्दों में कहनी चाहिए/सिर कटाना पड़े या न कटाना पड़े/तैयारी तो उसकी रहनी चाहिए।"

RELATED NEWS

0 Comments

leave a comment