नई दिल्ली, 25 दिसंबर। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100 जयंती के मौके पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लेख लिखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। आलेख में प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों और उपलब्धियों के बारे में बताया।
दिग्गज दिवंगत नेता को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, '25 दिसंबर का दिन भारतीय राजनीति और भारतीय जनमानस के लिए एक तरह से सुशासन का अटल दिवस है। आज पूरा देश अपने भारत रत्न अटल को, उस आदर्श विभूति के रूप में याद कर रहा है, जिन्होंने अपनी सौम्यता, सहजता और सहृदयता से करोड़ों भारतीयों के मन में जगह बनाई। पूरा देश उनकी राजनीति और उनके योगदान के प्रति कृतज्ञ है।'
उन्होंने लिखा, 'हमारा देश हमेशा अटल जी का आभारी रहेगा, जिन्होंने भारत को 21वीं सदी में प्रवेश कराने के लिए मार्गदर्शन किया। जब उन्होंने 1998 में प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, तो हमारा देश राजनीतिक अस्थिरता से गुजर रहा था। करीब 9 वर्षों में हम 4 लोकसभा चुनाव देख चुके थे। भारत के लोग निराश और संदेहपूर्ण हो गए थे कि क्या सरकारें अपनी जिम्मेदारियां निभा सकेंगी लेकिन अटल जी ही थे जिन्होंने इस संकट को टाल दिया और स्थिर और प्रभावी सरकार दी। अपने साधारण जीवन के चलते उन्होंने आम नागरिकों की समस्याओं और प्रभावी प्रशासन की बदलती शक्ति को समझा।'
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने लेख में लिखा, 'सामान्य परिवार से आने वाले अटल जी ने देश को स्थिरता और सुशासन का मॉडल दिया और भारत को नव विकास की गारंटी दी। उनकी सरकार ने देश को आईटी और दूरसंचार की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ाया। उनके शासनकाल में ही तकनीक को सामान्य मानवी की पहुंच तक लाने का काम शुरू किया गया। वाजपेयी जी की सरकार में शुरू हुई जिस स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने महानगरों को एक सूत्र में जोड़ा, वह आज भी स्मृतियों पर अमिट है। लोकल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए भी उनकी गठबंधन सरकार ने पीएम ग्राम सड़क योजना जैसे कार्यक्रम शुरू किए। उनके शासनकाल में दिल्ली मेट्रो शुरू हुई, जिसका विस्तार आज हमारी सरकार एक वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के रूप में कर रही है। जब भी जब भी सर्व शिक्षा अभियान की बात होती है, तो अटल जी की सरकार का जिक्र जरूर होता है। वह चाहते थे कि भारत के सभी वर्गों यानी एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाओं के लिए शिक्षा सहज और सुलभ हो। अटल सरकार के कई ऐसे साहसिक कार्य हैं, जिन्हें आज भी हम देशवासी गर्व से याद करते है। देश को अब भी 11 मई 1998 का वह गौरव दिवस याद है, जब एनडीए सरकार बनने के कुछ ही दिन बाद पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण हुआ। इस परीक्षण के बाद दुनियाभर में भारत के वैज्ञानिकों को लेकर चर्चा होने लगी। कई देशों ने खुलकर नाराजगी जताई, लेकिन अटल जी की सरकार ने किसी दबाव की परवाह नहीं की।'