शिमला, 06 अगस्त। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस को लेकर दिल्ली में पार्टी हाईकमान की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव व प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल सहित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, मंत्रीगण और वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इस बैठक में पार्टी हाईकमान ने राज्य सरकार के अढ़ाई साल के कार्यकाल की समीक्षा करते हुए, संगठन की स्थिति और आगामी रणनीति पर सभी नेताओं से व्यक्तिगत फीडबैक लिया।
बैठक से लौटे उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बुधवार को शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बताया कि बैठक में मुख्य रूप से प्रदेश में संगठन की मजबूती को लेकर चर्चा की गई। हाईकमान ने एक-एक मंत्री और वरिष्ठ नेता से अलग-अलग मुलाकात कर सुझाव लिए।
चौहान ने कहा कि मंत्रियों की ओर से स्पष्ट राय दी गई कि पार्टी को ऐसा नया प्रदेश अध्यक्ष मिलना चाहिए जिसका राज्य की राजनीति में मजबूत आधार और अनुभव हो।
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस संगठन का गठन शीघ्र होना बेहद ज़रूरी है क्योंकि संगठन ही कार्यकर्ताओं की आवाज़ होता है और सरकार व जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच सेतु का काम करता है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से संगठनात्मक ढांचा न होने से पार्टी गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
हर्षवर्धन चौहान ने इस दौरान यह भी कहा कि आने वाले पंचायत चुनावों में भले ही पार्टी चिन्ह का प्रयोग न हो लेकिन वोटिंग पूरी तरह पार्टी आधारित रहती है, ऐसे में संगठित पार्टी ही बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल ने सभी नेताओं की राय एकत्र कर रिपोर्ट तैयार की है जिसे जल्द ही कांग्रेस हाईकमान को सौंपा जाएगा।
इसी बीच सिरमौर में स्कूटरों पर रेता-बजरी ढुलाई के वायरल मामले को लेकर भी उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही है। यदि जांच में कोई भी अनियमितता सामने आती है तो संबंधित अधिकारियों या ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता पारदर्शिता और जनहित है। किसी भी भ्रष्टाचार या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।