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हिमाचल में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, कई जिलों में भूस्खलन का खतरा, 200 सड़कें बंद

शिमला, 28 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर जारी है और भारी बारिश के चलते जनजीवन पर असर पड़ रहा है। मौसम विभाग ने कल 29 जुलाई को कांगड़ा, मंडी और कुल्लू जिलों में बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा चंबा, सिरमौर और शिमला जिलों में भी भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। अगले दो दिन यानी 29 और 30 जुलाई को राज्य के निचले, मध्य और ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। 30 जुलाई को ऊना, कांगड़ा, मंडी और कुल्लू जिलों में फिर से भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इससे इन जिलों में भूस्खलन का खतरा है औरविभाग की ओर से लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। वहीं 31 जुलाई को चंबा और सिरमौर जिलों में और 1 अगस्त को सिरमौर जिले में कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना जताई गई है।


1 अगस्त से 3 अगस्त तक भी प्रदेश में मौसम खराब रहने का अनुमान है, हालांकि इस अवधि के लिए कोई अलर्ट जारी नहीं हुआ है। बीते 24 घंटों में कांगड़ा जिले के शाहपुर में सर्वाधिक 157 मिमी बारिश दर्ज की गई। कांगड़ा में 140, पालमपुर में 72, धर्मशाला में 53, मंडी के जोगिंद्रनगर में 46 और सराहन में 30 मिमी वर्षा रिकॉर्ड हुई।


लगातार बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं और भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है। सोमवार शाम तक प्रदेश में 200 सड़कें यातायात के लिए बंद हो चुकी हैं, जिनमें मंडी में 121 और कुल्लू में 46 सड़कें शामिल हैं। बारिश का असर बिजली और पानी की सप्लाई पर भी पड़ा है। राज्य में 62 ट्रांसफार्मर और 110 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। मंडी में 20 ट्रांसफार्मर और 39 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, कुल्लू में 33 ट्रांसफार्मर बंद हैं और कांगड़ा के धर्मशाला व नूरपुर में 59 पेयजल योजनाएं बाधित हुई हैं।


मानसून शुरू होने से अब तक राज्य में भारी नुकसान हुआ है। 20 जून से अब तक बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में 164 लोगों की मौत हो चुकी है, 269 लोग घायल हुए हैं और 35 लोग अभी भी लापता हैं। सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ है, जहां 32 लोगों की जान गई और 27 लोग लापता हैं। कांगड़ा में 24, कुल्लू और चंबा में 17-17, शिमला में 13, सोलन और ऊना में 11-11, किन्नौर में 11, हमीरपुर में 10, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है।


इसके अलावा भारी बारिश और भूस्खलन से लोगों के घरों व मवेशियों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। अब तक 1320 मकानों को नुकसान पहुंचा, जिनमें से 418 पूरी तरह ढह गए हैं। अकेले मंडी जिले में 986 मकान प्रभावित हुए, जिनमें 376 पूरी तरह गिर गए। साथ ही लगभग 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1402 मवेशियों की मौत भी हो चुकी है।


राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार इस मानसून सीजन में अब तक करीब 1523 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 780 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 499 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। प्रदेश में अब तक 42 बार फ्लैश फ्लड, 25 बार बादल फटने और 32 बार भूस्खलन की घटनाएं भी दर्ज की जा चुकी हैं।

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