शिमला, 29 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में मानसून एक बार फिर कहर बनकर टूटा है। ओरेंज अलर्ट के बीच राज्य के कई हिस्सों में सोमवार रात से तेज़ वर्षा हुई है। मौसम विभाग ने 30 जुलाई को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों के लिए भारी से बहुत भारी वर्षा, आंधी और बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा उना, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। वहीं 31 जुलाई से 4 अगस्त तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा।मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 31 जुलाई को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, सिरमौर में, 1 अगस्त को उना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सिरमौर में और 2 अगस्त को उना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और नदियों-नालों से दूर रहने की सलाह दी है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में वर्षा जनित हादसों में छह लोगों की मौत हुई है। इनमें मंडी में तीन, कांगड़ा, शिमला व हमीरपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। मंडी में बाढ़ व भूस्खलन की चपेट में आने से तीन और कांगड़ा में बहने से एक मौत हुई है। शिमला और हमीरपुर जिला में सड़क हादसों में एक-एक व्यक्ति की जान गई है।
मंडी में बादल फटने से तबाही
मंगलवार तड़के मंडी शहर के जेल रोड और हॉस्पिटल रोड इलाके में बादल फटने से नाले में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे पानी और मलबा घरों में घुस गया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, एक व्यक्ति लापता है और एक व्यक्ति घायल हुआ है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य चलाया और कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
24 घंटों में मंडी में सबसे ज्यादा वर्षा
बीते 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश मंडी जिला के संधोल में 210 मिलीमीटर दर्ज हुई है। मंडी शहर में 200 मिलीमीटर, पंडोह में 120 मिलीमीटर, कटुआला में 90 मिलीमीटर, कांगड़ा के देहरागोपीपुर, बिलासपुर के बरठीं, हमीरपुर के नादौन और उना में 70-70 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके अलावा मंडी के गोहर और सुजानपुर टीहरा में 70-70 मिलीमीटर, बलद्वारा में 60 मिलीमीटर, बिलासपुर के काहू में 60 मिलीमीटर, चंबा के चुआड़ी, हमीरपुर के भराड़ी, उना के अंब, कांगड़ा के गुलेर, पालमपुर, नैनादेवी व बीबीएमबी में 50-50 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।
1 एनएच और 357 सड़कें बंद
भारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में 1 नेशनल हाइवे और 357 सड़कें बंद हो गई हैं। अकेले मंडी जिले में 259 सड़कें बाधित हैं, कुल्लू में 47 और कांगड़ा में 24 सड़कें बंद हैं। मंडी में 172 बिजली ट्रांसफार्मर और 47 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। पूरे राज्य में कुल 182 ट्रांसफार्मर और 179 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं और एनडीआरएफ को भी अलर्ट पर रखा गया है।
अब तक मानसून का भारी कहर
20 जून से अब तक हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से 170 लोगों की मौत हो चुकी है, 278 लोग घायल हुए हैं और 36 लोग लापता हैं। सबसे ज्यादा मंडी जिले में 35 मौतें और 27 लोग लापता हुए हैं। कांगड़ा में 25, कुल्लू और चंबा में 17-17, शिमला में 14, हमीरपुर, किन्नौर, सोलन और ऊना में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 मौतें दर्ज हुई हैं।
अब तक 103 लोग भूस्खलन, फ्लैश फ्लड और बादल फटने की घटनाओं में मारे गए हैं। इनमें 34 मौतें भूस्खलन, 43 फ्लैश फ्लड और 26 बादल फटने से हुई हैं। राज्य में अब तक 43 बार फ्लैश फ्लड, 26 बार बादल फटने और 34 बार भूस्खलन की घटनाएं रिकॉर्ड हो चुकी हैं।
इसके अलावा सड़क हादसों में 76 लोगों की मौत हुई है। बारिश और भूस्खलन से 1352 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें 469 घर पूरी तरह ढह गए हैं। अकेले मंडी जिले में 986 घर प्रभावित हुए हैं और इनमें 376 घर पूरी तरह ढह गए हैं।
मौसम के कहर से 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1402 मवेशियों की भी मौत हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, अब तक पूरे प्रदेश में 1523 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 780 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 499 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।