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जाखू मंदिर के लिए नहीं चढ़नी पड़ेगी सीढ़ियां, 7.94 करोड़ से बनेगा एस्केलेटर

Himgiri Samachar:Jakhu-temple--accelater

शिमला, 11 जून । शिमला शहर की सबसे उंची चोटी पर स्थित विख्यात जाखू मंदिर पहुंचना और आसान हो जाएगा। श्रद्धालुओं व सैलानियों को जाखू में हनुमान मंदिर के दर्शनार्थ सीढ़ियां नहीं चढ़नी पड़ेंगीं। स्मार्ट सिटी के तहत जाखू में बाबा बालक नाथ के मंदिर से हनुमान मंदिर के प्रांगण तक एस्केलेटर बनेगा। इसके लग जाने से बाबा बालकनाथ के मंदिर से लेकर हनुमान मंदिर तक लोगों को सौ से ज्यादा सीढियां नहीं चढ़नी पड़ेंगी।


शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शनिवार को जाखू में स्थापित होने वाला शिमला शहर का पहला एस्केलेटर का शिलान्यास किया।


इस अवसर पर उन्होंने कहा कि परियोजना का निर्माण कार्य रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट काॅरपोरेशन द्वारा किया जा रहा है, जिसकी परियोजना लागत 7 करोड़ 94 लाख रुपए है तथा निर्माण कार्य 6 महीने के भीतर पूर्ण किया जाएगा। परियोजना का निर्माण कार्य स्मार्ट सिटी मिशन के तहत किया जा रहा है। शिमला प्राचीन काल से पर्यटन नगरी रही है। मंदिर परिसर तक गाड़ियां ले जाना उचित नहीं था, इसी संदर्भ में यहां पर एस्केलेटर लगना अत्यंत महत्वपूर्ण था।


उन्होंने कहा कि इसके निर्माण कार्य पूर्ण होने से शहर के निवासियों के साथ-साथ पर्यटकों को भी मंदिर पहुंचने में सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि काफी लंबे समय से इसका निर्माण कार्य एफसीए की मंजूरी न मिलने से अटका पड़ा था। उन्होंने कहा कि प्रथम तथा दूसरे एस्केलेटर की लंबाई 23.23 मीटर रखी गई है, चैड़ाई प्रत्येक एस्केलेटर की 1.65 मीटर है तथा एस्केलेटर की गति 0.5 मीटर प्रति सेकंड है।


शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कीमैन क्वार्टर से बाबा बालक नाथ मंदिर तक कवर्ड पाथ का भी शिलान्यास किया।
उन्होंने कहा कि ढके हुए रास्ते के निर्माण से श्रद्धालुओं को हर मौसम में इसकी सुविधा प्राप्त होगी, जिसकी परियोजना लागत लगभग 2 करोड़ रुपए है।


उन्होंने कहा कि शिमला शहर के हर एक वार्ड में अनेकों विकासात्मक कार्य किए जा रहे है, जिसमें पार्किंग, ढके हुए पथ, स्मार्ट पथ, पैदल पथ, बुक कैफे, सड़कों का चैड़ा करना, पार्षद कार्यालय तथा ओवर हेड पुल प्रमुख रूप से शामिल है।

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