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हिमाचल में बाल लिंगानुपात में सुधार, 947 से बढ़कर 964 हुआ लिंगानुपात

Himgiri Samachar:

शिमला, 16 मई। हिमाचल प्रदेश में बालिकाओं और महिलाओं के कल्याण को लेकर राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयास अब रंग लाने लगे हैं। प्रदेश में बाल लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में जहां यह अनुपात 947 था वहीं अब यह बढ़कर 964 हो गया है।

 

एक सरकारी प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने सामाजिक समावेश और लैंगिक समानता को प्राथमिकता दी है। बालिकाओं के हित में चलाई जा रही ‘इंदिरा गांधी सुख सुरक्षा योजना’ इसके प्रमुख उदाहरणों में से एक है। इस योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवार में जन्म लेने वाली प्रत्येक बालिका के लिए 25,000 रुपये की राशि बीमा कंपनी में जमा करवाई जाती है। साथ ही, माता-पिता दोनों को 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर भी दिया जाता है। यह राशि बालिका को 18 से 27 वर्ष की उम्र के बीच उसकी इच्छा के अनुसार प्रदान की जाएगी, जिससे उसकी शिक्षा या स्वावलंबन में मदद मिलेगी।

 

प्रवक्ता ने कहा कि इस पहल के अलावा राज्य सरकार की ‘बेटी है अनमोल’ जैसी योजनाएं भी बेटियों को प्रोत्साहन देने में अहम भूमिका निभा रही हैं। वहीं कामकाजी महिलाओं के लिए भी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। सोलन, पालमपुर, बद्दी, नगरोटा बगवां सहित 13 औद्योगिक क्षेत्रों में 132 करोड़ रुपये की लागत से कामकाजी महिला छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा, जो सुरक्षित और सस्ती आवास सुविधा प्रदान करेंगे।

 

उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने बड़ी पहल की है। प्रदेश के 18,925 आंगनवाड़ी केंद्रों को आंगनवाड़ी सह प्री-स्कूलों में बदला जाएगा। इन केंद्रों पर 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को खेल आधारित प्रारंभिक शिक्षा दी जाएगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण देकर बच्चों को मजबूत शैक्षिक आधार प्रदान करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

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