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हिमाचल में शक्ति सदन योजना के तहत 47.45 लाख रुपये जारी, जनजातीय विकास के लिए भी मिला अनुदान

Himgiri Samachar:

शिमला, 15 मार्च। राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने सदन में हिमाचल प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के कल्याण से जुड़े विभिन्न योजनाओं पर सवाल उठाया। उन्होंने महिला एवं बाल विकास मंत्री से शक्ति सदन योजना के तहत प्रदेश को जारी धनराशि, नए शक्ति सदनों की स्थापना और ग्रामीण व जनजातीय क्षेत्रों में कल्याणकारी उपायों की जानकारी मांगी।

 

शक्ति सदन योजना के तहत जारी हुई धनराशि

 

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में शक्ति सदन योजना के तहत वर्तमान वित्त वर्ष में 47,45,412 रुपये जारी किए हैं। इसके अलावा, इस योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश सरकार को 12,50,000 रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति भी दी गई है।

 

उन्होंने बताया कि व्यापक मिशन शक्ति के तहत स्वाधार गृह और उज्जवला योजना को मिलाकर शक्ति सदन योजना शुरू की गई है। यह योजना उन महिलाओं के लिए राहत और पुनर्वास गृह का कार्य करती है, जो संकटपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर रही हैं, जिनमें मानव तस्करी की शिकार महिलाएं भी शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को एक सुरक्षित और सक्षम वातावरण प्रदान करना है, जिससे वे विपरीत परिस्थितियों से उबर सकें।

 

महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए तीन प्रमुख मिशन

 

सावित्री ठाकुर ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए तीन प्रमुख मिशन चलाए जा रहे हैं। इनमें मिशन शक्ति, मिशन सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 और मिशन वात्सल्य शामिल हैं।

 

इन योजनाओं के तहत सरकार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, पोषण और शिक्षा को प्राथमिकता देकर समग्र विकास सुनिश्चित कर रही है।

 

जनजातीय विकास के लिए अनुदान

 

डॉ. सिकंदर कुमार ने हिमाचल प्रदेश में पूंजीगत परिसंपत्तियों (सीसीए) के सृजन को लेकर भी जनजातीय कार्य मंत्री से सवाल किया। इसके जवाब में जनजातीय कार्य मंत्री दुर्गादास उइके ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत हिमाचल प्रदेश सरकार को 2022-23 में 1655 लाख रुपये और 2023-24 में 1696.45 लाख रुपये की धनराशि जारी की गई है।

 

मंत्री ने बताया कि जनजातीय विकास को गति देने के लिए "धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान" की शुरुआत 2 अक्टूबर 2024 को की गई है। इस अभियान के तहत 17 मंत्रालयों द्वारा 25 विशेष उपायों को लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य 63,843 जनजातीय गांवों में बुनियादी ढांचे में सुधार कर स्वास्थ्य, शिक्षा और आंगनबाड़ी सुविधाओं तक बेहतर पहुंच प्रदान करना है।

 

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