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चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई ने दिल्ली में दर्ज की एफआईआर

Himgiri Samachar:

शिमला, 27 मई। हिमाचल पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुरू कर दी है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद यह मामला अब दिल्ली में सीबीआई ने दर्ज कर लिया है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(5) के तहत दर्ज किए गए इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है जिसकी कमान सीबीआई के उप पुलिस अधीक्षक बृजेंद्र प्रसाद सिंह को सौंपी गई है। टीम में इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार और सब-इंस्पेक्टर निलेश सिंह भी शामिल हैं। सीबीआई की टीम अब जल्द शिमला में दबिश देकर तथ्यों को खंगालना शुरू करेगी।

 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 23 मई को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जांच टीम में हिमाचल प्रदेश का कोई अधिकारी शामिल नहीं होगा जिससे निष्पक्षता बनी रहे। इससे पहले यह केस 19 मार्च को न्यू शिमला थाने में विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी की शिकायत पर दर्ज किया गया था। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके पति को पिछले छह महीने से विशेष रूप से पावर कॉर्पोरेशन के तत्कालीन इलेक्ट्रिकल निदेशक देशराज द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था जिससे विवश होकर उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।

 

इस मामले में शिमला पुलिस द्वारा भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया था। शिमला पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी जिसने करीब डेढ़ महीने तक जांच कर अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की। हालांकि मृतक की पत्नी किरण नेगी ने एसआईटी पर भरोसा न जताते हुए मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की जिस पर कोर्ट ने यह आदेश पारित किया।

 

हाईकोर्ट में प्रस्तुत की गई शिमला पुलिस की रिपोर्ट और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे में कई विरोधाभास सामने आए। अदालत ने इन विरोधाभासों और मृतक के परिवार की ओर से उठाई गई आपत्तियों को गंभीरता से लेते हुए मामले को सीबीआई को सौंप दिया।

 

हाईकोर्ट के आदेश के तुरंत बाद राज्य में इस मामले को लेकर प्रशासनिक तनातनी भी देखने को मिली। कोर्ट के आदेश के अगले ही दिन शिमला के एसपी संजीव गांधी ने मीडिया को संबोधित करते हुए डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा पर निशाना साधा और कहा कि डीजीपी द्वारा दाखिल हलफनामा भ्रामक और गैर जिम्मेदाराना है।

 

उल्लेखनीय है कि चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को शिमला से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गए थे। 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर जिले के गोविंदसागर झील से बरामद हुआ। इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब शिमला पुलिस की जांच और डीजीपी की रिपोर्ट में विरोधाभासी बातें सामने आने लगीं।

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