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हिमाचल प्रदेश में पटवारियों की हड़ताल से राजस्व कार्य ठप, जनता परेशान

Himgiri Samachar:

शिमला, 07 मार्च। हिमाचल प्रदेश में पटवारियों और कानूनगो की पेनडाउन स्ट्राइक लगातार जारी है और इससे राजस्व से जुड़े तमाम कार्य प्रभावित हो गए हैं। तहसीलों से लेकर पंचायत स्तर तक सरकारी कामकाज ठप होने से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर में शामिल करने के फैसले के विरोध में यह हड़ताल की जा रही है। हड़ताल के कारण न सिर्फ सरकारी दफ्तरों में काम रुक गया है बल्कि ऑनलाइन सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।

 

प्रमाण पत्रों के लिए भटक रहे लोग

 

पटवारियों और कानूनगो की हड़ताल का सबसे अधिक असर आम लोगों पर पड़ा है। तहसीलों में आय, जाति, हिमाचली प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर नकल, भूमि रिकॉर्ड जैसी जरूरी सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। शिमला जिला के विभिन्न कार्यालयों में प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपने दस्तावेज बनवाने के लिए आ रहे हैं लेकिन कोई काम न होने के कारण उन्हें निराश होकर लौटना पड़ रहा है।

 

शहरों से लेकर गांवों तक लोग सरकारी कामकाज सुचारू होने का इंतजार कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग पटवारी कार्यालयों के बंद होने से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। किसानों और भूमि मालिकों को अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेजों की जरूरत होती है, लेकिन हड़ताल के चलते ये सुविधाएं ठप हैं।

 

ऑनलाइन सेवाओं पर भी पड़ा असर

 

पटवारियों की हड़ताल से जिला प्रशासन की ऑनलाइन सेवाएं भी प्रभावित हो गई हैं। प्रमाण पत्रों की रिपोर्ट ऑनलाइन अपडेट नहीं हो रही है जिससे लोगों को और अधिक इंतजार करना पड़ रहा है। प्रशासन के अनुसार तहसीलों में जरूरी कागजी कार्यवाही बंद होने के कारण सभी सरकारी प्रक्रिया प्रभावित हुई हैं।

 

शिमला जिले में करीब 300 पटवारी और कानूनगो हड़ताल पर हैं जिससे दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। तहसीलों में रोजाना अपने काम के लिए पहुंच रहे लोग घंटों इंतजार के बाद निराश होकर लौट रहे हैं।

 

पटवारी और कानूनगो संघ का साफ रुख – हड़ताल जारी रहेगी

 

पटवारी और कानूनगो महासंघ ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर कोई ठोस फैसला नहीं लेती वे पेनडाउन स्ट्राइक जारी रखेंगे। महासंघ के महासचिव चंद्रमोहन का कहना है कि सरकार ने स्टेट कैडर में शामिल करने का फैसला बिना उनकी सहमति के लिया है जिससे उनके हितों पर असर पड़ेगा। वे चाहते हैं कि सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करे और उनके हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

 

राजस्व मंत्री ने दी चेतावनी

 

वहीं राज्य सरकार का कहना है कि पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर में लाने का फैसला जनहित में लिया गया है। सरकार का तर्क है कि इस फैसले से पटवारियों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह निर्णय कई दौर की बैठकों के बाद ही लिया गया है।

 

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार पटवारियों की कई मांगों को पहले ही मान चुकी है और बाकी पर भी विचार किया जा रहा है।

 

उन्होंने बताया कि खराब कंप्यूटर और लैपटॉप को ठीक करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं वहीं जिन कार्यालयों में कंप्यूटर नहीं हैं वहां जल्द ही नए कंप्यूटर खरीदे जाएंगे।

 

मंत्री ने हड़ताली पटवारियों को चेतावनी दी कि यदि वे जल्द ही काम पर नहीं लौटते और जनता को परेशानी होती रही तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि हड़ताल करना उचित नहीं है क्योंकि इससे आम जनता को असुविधा हो रही है।

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