शिमला, 11 मार्च। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शिमला में चल रहे बजट सत्र में मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और प्रदेश के पूर्व मंत्री व विधायक किशन कपूर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में शोकोद्गार प्रस्तुत करते हुए दिवंगत नेताओं के योगदान को याद किया और उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने 1998 से 2004 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया और वर्ष 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के आर्थिक विकास के लिए कई अहम फैसले लिए। उनके कार्यकाल के दौरान हिमाचल को आईआईएम मंडी, केंद्रीय विश्वविद्यालय और आईआईआईटी ऊना जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं मिलीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी स्मृति में हिमाचल लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) का नाम अब डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने पूर्व मंत्री किशन कपूर के निधन पर भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि किशन कपूर का राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में अमूल्य योगदान रहा है। वे पांच बार विधायक, तीन बार मंत्री और एक बार सांसद रहे। उन्होंने कहा कि किशन कपूर ने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़कर बड़ी जीत दर्ज की थी।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी शोकोद्गार में भाग लेते हुए कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने शिक्षक के रूप में अपना जीवन शुरू किया और आगे चलकर देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट के समय देश को संभालने में डॉ. मनमोहन सिंह का अहम योगदान रहा। जयराम ठाकुर ने किशन कपूर के निधन पर भी गहरी संवेदना व्यक्त की और उनके समाज सेवा के कार्यों को याद किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री चंद्र कुमार, भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल, विधायक सुधीर शर्मा, डॉ. जनक राज, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी सहित अन्य सदस्यों ने भी शोकोद्गार प्रस्तुत कर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने भी दोनों दिवंगत नेताओं को याद करते हुए कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह और किशन कपूर ने समाज और राजनीति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सदन ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।