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हिमाचल में अंधड़ और ओलावृष्टि ने बरपाया कहर, अगले दो दिन के लिए अलर्ट

Himgiri Samachar:

शिमला, 17 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मौसम ने कहर बरपा दिया है। बुधवार देर रात तेज अंधड़ और बारिश ने शिमला, कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर समेत कई जिलों में भारी नुकसान पहुंचाया। 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आई आंधी से कई जगहों पर पेड़ धराशायी हो गए, जिससे सडकें बाधित हुईं। कई घरों की खिड़कियों के शीशे चकनाचूर हो गए। बिजली के तारों पर पेड़ गिरने से ऊना और कांगड़ा के कई क्षेत्रों में अंधेरा छा गया।

 

अंधड़ के साथ-साथ झमाझम बारिश और ओलावृष्टि ने कहर को और बढ़ा दिया। खेतों में खड़ी गेहूं की फसल बिछ गई और कई जगहों पर कटाई के लिए रखी फसल भीग गई। सेब की बागवानी में फूलों और आम की बोर को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।

 

राजधानी शिमला में भी देर रात तेज हवाओं ने कहर ढाया। कई मकानों की टीन की छतें उड़ गईं और खिड़कियों के शीशे टूट गए। मंडी-पठानकोट और मटौर-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर पेड़ों के गिरने से कुछ समय तक यातायात बाधित रहा। गगरेट और ऊना में बिजली खंभे क्षतिग्रस्त होने से विद्युत आपूर्ति घंटों ठप रही। कुछ स्थानों पर पेड़ और खंभों के कारण आवाजाही थम गई और वाहन चालकों को वैकल्पिक मार्गों से गुजरना पड़ा।

 

वहीं लाहौल घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात और निचले इलाकों में बारिश से ठंड में इजाफा हो गया है। रोहतांग दर्रा, बारालाचा, शिंकुला सहित ऊंची चोटियों पर ताजा बर्फबारी हुई है।

 

मौसम विभाग ने आगामी तीन दिनों के लिए चेतावनी जारी की है। 18 और 19 अप्रैल को छह जिलों चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, लाहौल-स्पीति और शिमलामें ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। जबकि हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, सोलन, सिरमौर और किन्नौर में येलो अलर्ट जारी है। विभाग ने इन दिनों तेज हवाएं (40-50 किमी/घंटा), ओलावृष्टि और बिजली गिरने की आशंका जताई है। 20 अप्रैल को भी कुछ जिलों में खराब मौसम का असर बना रहेगा।

 

इस मौसमी बदलाव से प्रदेश में तापमान में गिरावट आई और गर्मी से थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन इसका सबसे गहरा असर खेती-बाड़ी पर पड़ा है। जहां मैदानों में गेहूं की फसल तैयार खड़ी है, वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में सेब की फ्लावरिंग पर ओलावृष्टि का सीधा असर हुआ है।

 

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान सतर्कता बरतें। विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा से पहले मौसम की जानकारी लें और बिजली गिरने के दौरान खुले में जाने से बचें।

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