|

हिमाचल में खुलेंगे दो क्रिटिकल केयर ब्लॉक और पांच डीआईपीएचएल लैब

Himgiri Samachar:

शिमला, 18 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त करने के लिए सरकार दो क्रिटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) और पांच जिला एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं (डीआईपीएचएल) खोलेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 193.75 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

 

एक सरकारी प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश मंत्रिमंडल ने क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर के अन्तर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) स्वाहण में 50 बिस्तरों की क्षमता वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) और शिमला जिला के नागरिक अस्पताल रोहड़ू में 50 बिस्तरों की क्षमता वाले सीसीबी की स्थापना को मंजूरी प्रदान की है। यहां आपातकालीन सेवाओं, इटेंसिव केयर यूनिट्स (आईसीयू), हाई डिपेंडैंसी यूनिट्स (एचडीयू), आइसोलेशन बेड, डायलिसिस इकाइयों, लेबर रूम, ऑपरेशन थिएटर और प्वाइंट-ऑफ-केयर प्रयोगशालाओं सहित उन्नत चिकित्सा अधोसंरचना की सुविधा मिलेगी।

 

प्रवक्ता ने कहा कि प्रत्येक सीसीबी को मौजूदा जिला अस्पताल के साथ सम्बद्ध किया जाएगा और यह सामान्य परिस्थितियों में एक नियमित सुविधा के रूप में कार्य करेगा। स्वास्थ्य आपातकाल या कोविड-19 जैसी स्थिति के दौरान, संक्रमण को नियंत्रित करने के दृष्टिगत इसका उपयोग अलग इकाई के रूप में किया जा सकेगा। प्रत्येक ब्लॉक का निर्माण 16.63 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा तथा 27.12 करोड़ रुपये की लागत से उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे।

 

उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, चंबा, डॉ. राधा कृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, हमीरपुर से संबद्ध जिला अस्पताल हमीरपुर में जिला एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित करने को भी मंजूरी दी है। इन डीआईपीएचएल का उद्देश्य नैदानिक क्षमताओं में सुधार करना, जांच सुविधाओं में तेजी लाना और आपातकालीन स्थिति का प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करना है। प्रत्येक प्रयोगशाला में क्लीनिकल पैथोलॉजी, हेमेटोलॉजी, साइटोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

 

प्रवक्ता ने कहा कि प्रत्येक डीआईपीएचएल में एक पैथोलॉजिस्ट, एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट, एक बायोकेमिस्ट, ग्यारह लैब तकनीशियन, एक डाटा एंट्री ऑपरेटर और दो सफाई कर्मचारी सेवाएं देंगे। 21.25 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले प्रत्येक डीआइपीएचएल की वार्षिक आवर्ती लागत 49.05 लाख रुपये प्रति इकाई होगी। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने कमला नेहरू अस्पताल शिमला, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना और नागरिक अस्पताल सुंदरनगर जिला मंडी में निर्माणाधीन मातृ एवं शिशु अस्पताल विंग के लिए उपकरणों की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की है।

RELATED NEWS

0 Comments

leave a comment