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हिमाचल में 2183 सड़कों को नियमित करने के लिए समीक्षा याचिका दायर करेगी सरकार : मुख्यमंत्री सुक्खू

शिमला, 22 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 1980 का उल्लंघन करके बनी 2183 सड़कों को नियमित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को वन विभाग की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ऐसी सड़कों के नियमितीकरण के लिए 10 मई 2025 से पहले न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर की जाएगी।


मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि प्रदेश के दूरदराज़ इलाकों में जनता को आवागमन में राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 1980 के उल्लंघन की श्रेणी में आने वाली इन सड़कों के नियमितीकरण के लिए कानूनी उपाय आवश्यक हैं और वन विभाग को इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करनी होगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य भर में कुल 2183 ऐसी सड़कें हैं, जिन्हें एफआरए 2006 के प्रावधानों के अंतर्गत निर्मित किया गया है। इनमें सबसे अधिक 821 सड़कें मंडी ज़ोन में हैं, जबकि शिमला ज़ोन में 613, कांगड़ा ज़ोन में 495 और हमीरपुर ज़ोन में 254 सड़कें शामिल हैं। हिमाचल में यह अधिनियम वर्ष 2016 में लागू किया गया था जिसका उद्देश्य ऐसे परंपरागत समुदायों को वन भूमि पर अधिकार देना है जो पीढ़ियों से उस पर निर्भर हैं।


मुख्यमंत्री सुक्खू ने बैठक में वन विभाग को निर्देश दिए कि वे समीक्षा याचिका दायर करने की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करें और न्यायालय में प्रभावी पक्ष रखा जाए। उन्होंने कहा कि इन सड़कों के माध्यम से हज़ारों लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है और इनका नियमितीकरण जरूरी है।

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