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स्कूली छात्रों को मिलेंगी छह लाख स्टील बोतलें, मुख्यमंत्री सुक्खू ने विश्व पर्यावरण दिवस पर किया एलान

Himgiri Samachar:

शिमला, 5 जून। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर गुरूवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्कूली छात्रों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार छह लाख स्टेनलेस स्टील की पानी की बोतलें वितरित करेगी।

 

पीटरहॉफ, शिमला में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की। कार्यक्रम का आयोजन पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (एचपीसीएसटीई) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के खिलाफ सरकार ने निर्णायक लड़ाई छेड़ दी है और इसके इस्तेमाल पर रोक के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य वर्ष 2026 तक हिमाचल को ‘ग्रीन स्टेट’ घोषित करना है, जिसके लिए व्यापक रणनीति तैयार की गई है।

 

मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस अवसर पर ‘सिंगल यूज प्लास्टिक चालान मोबाइल ऐप’ का भी शुभारंभ किया। इस ऐप के जरिये अब अधिकारियों को अवैध प्लास्टिक के उपयोग पर डिजिटल चालान जारी करने की सुविधा मिलेगी, जिससे कार्रवाई अधिक प्रभावी और पेपरलेस होगी।

 

इस दौरान मुख्यमंत्री ने पर्यावरण विभाग की लघु पुस्तकों का विमोचन किया और महिला स्वयं सहायता समूहों को पत्तल-डूना बनाने की मशीनें भी प्रदान कीं। आर.के.एम.वी. के ईको क्लब को शरेडर मशीन भेंट की गई।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाओं, इलेक्ट्रिक वाहनों और हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके साथ ही ग्रीन कॉरिडोर और अन्य नवोन्मेषी परियोजनाएं भी चलाई जा रही हैं।

 

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से हिमाचल को ‘ग्रीन बोनस’ देने की भी मांग दोहराई ताकि प्रदेश द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों को आर्थिक मजबूती मिल सके।

 

कार्यक्रम में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने हिमाचल में पर्यावरण के क्षेत्र में उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में डिपॉजिट रिफंड स्कीम और प्लास्टिक उत्पादकों पर निगरानी के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया गया है।

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