मंडी, 16 अगस्त। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शनिवार को आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर उनका हाल-चाल जाना और उन्हें लोगों द्वारा भेजी गई आपदा राहत सामग्री एवं धनराशि का वितरण किया। इस दौरान उन्होंने देवोल, शिल्लीबागी, जैंशला, शिवथाना, भाटकीधार गांव के 18 प्रभावित परिवारों को 25–25 हजार रुपए प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावितों की सरकार द्वारा की जा रही उपेक्षा पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि जिनका सब कुछ चला गया है सरकार अब तक उन्हें ढाई हजार, पांच रुपए देकर तसल्ली देना चाहती है। यह कहां की मानवीयता है, मंत्री यहां आते हैं और फौरी राहत देने की बजाय एफआईआर करवाकर चले जाते हैं। सरकार का इससे संवेदनहीन चेहरा हो ही नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों को 07 लाख रुपए देने की घोषणा करके खामोश बैठ गई। जबकि उसे सात लाख में से साढ़े चार लाख रुपए सीधे-सीधे केंद्र द्वारा दिए जाते हैं। लोगों के घर पूरी तरीके से जर्जर हो चुके हैं अंदर जाने लायक नहीं हैं, लेकिन उन घरों के क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट नहीं लगाई जा रही है। सरकार क्या चाहती है? जो लोग त्रासदी में बच गए क्या वह लोग सरकार की नाकामी का शिकार हो जाए। मुख्यमंत्री से मेरा सिर्फ इतना आग्रह है कि मेहरबानी करके आपदा प्रभावितों के साथ झूठ न बोले।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सोलन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान हुई घटना पर उन्होंने कहा कि हमने सरकार को पहले दिन से ही बता दिया था कि आने वाला समय आपके लिए कितना मुश्किल है। जिस तरीके से झूठी गारंटियों के दम पर आपने सत्ता हथिया ली, जनादेश की चोरी की और उसके बाद अपनी गारंटियों से ही साफ-साफ मुकर गए। प्रदेश के लोग आपको नहीं छोड़ेंगे और लोगों के बीच सरकार का उठना बैठना मुश्किल होजाएगा। सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि इस सरकार से सिर्फ आम लोग ही नहीं त्रस्त हैं, बड़े से बड़े लोगों को भी सरकार ने नहीं छोड़ा है। सरकार अपनी तानाशाही को छोड़े और जनहित पर ध्यान केंद्रित करें। अपनी गारंटियों से मुकरने पर ही प्रदेश के लोग सरकार को छोड़ने वाले नहीं हैं