शिमला, 07 अप्रैल। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सोमवार को कांग्रेस के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में हिस्सा लेने गुजरात के अहमदाबाद रवाना हो गए। आठ और नौ अप्रैल को आयोजित इस अहम अधिवेशन में हिमाचल से डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह सहित अन्य वरिष्ठ नेता भी भाग लेंगे। रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने शिमला में पत्रकारों से बातचीत में राज्य से जुड़े अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी।
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष विमल नेगी प्रकरण को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है, जबकि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच करवा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल इस संवेदनशील विषय को अपने राजनीतिक फायदे के लिए भुना रही है, जबकि यदि उसे वास्तव में पारदर्शी जांच की चिंता होती तो वह इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करती जो केंद्र सरकार के अधीन है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भाजपा इस प्रकरण के जरिए अपनी आंतरिक गुटबाजी को छिपाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च से लापता थे और 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर जिले में गोविंद सागर झील से बरामद हुआ था। परिजनों का आरोप है कि नेगी ने विभागीय प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की। मृतक की पत्नी की शिकायत पर शिमला पुलिस ने पावर कॉर्पोरेशन के तत्कालीन निदेशक देशराज और तत्कालीन एमडी हरिकेश मीणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। मामला तूल पकड़ते ही सरकार ने देशराज को निलंबित कर दिया और एमडी को भी पद से हटा दिया।
देशराज की अंतरिम जमानत याचिका हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिली। शिमला पुलिस ने हाल ही में उनसे लंबी पूछताछ की है। मामले की जांच का जिम्मा अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को सौंपा गया है।
शिमला में चल रहे वोकेशनल शिक्षकों के अनिश्चितकालीन धरने पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह योजना केंद्र सरकार के अधीन है और राज्य सरकार इस पर अकेले फैसला नहीं ले सकती। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केवल उन्हीं मामलों में हस्तक्षेप कर सकती है जो उसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इस संबंध में संबंधित एजेंसियों से बातचीत जारी है।
दृष्टिहीन संघ की मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार उनके प्रति संवेदनशील है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए लगातार वार्ता कर रही है। उन्होंने बताया कि यह मामला पिछली सरकार के समय से लंबित है। जहां-जहां दृष्टिहीनों के आरक्षित पद खाली हैं, उन्हें भरने की प्रक्रिया चल रही है।