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हिमाचल में 4 से 6 अक्तूबर तक भारी बारिश-आंधी का येलो अलर्ट

Himgiri Samachar:

शिमला, 30 सितंबर। हिमाचल प्रदेश में मानसून की विदाई के बाद इन दिनों मौसम खुशनुमा बना हुआ है। बीते कुछ दिनों से प्रदेश के अधिकांश इलाकों में धूप खिलने से लोगों को राहत महसूस हुई है। मैदानी जिलों में जहां दिन के समय धूप निकलने से पारे में हल्की बढ़ोतरी और उमस बनी हुई है, वहीं पहाड़ी इलाकों में सुबह-शाम हल्की ठंड का अहसास होने लगा है। अगले 3 दिन तक मौसम साफ बना रहेगा। इसके बाद मौसम के मिजाज बदल जाएंगे। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक 4, 5 और 6 अक्तूबर को प्रदेशभर में मौसम बिगड़ेगा और भारी वर्षा, आंधी तथा आसमानी बिजली का प्रकोप देखने को मिलेगा।

 

मौसम विभाग ने तीनों दिन के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। 4 अक्तूबर को ऊना, बिलासपुर, चम्बा, कांगड़ा और सिरमौर जिलों के लिए विशेष चेतावनी दी गई है। इन जिलों में भारी बारिश के साथ आंधी चलने और बिजली गिरने का खतरा बना रहेगा। इसी तरह 5 और 6 अक्तूबर को भी कई जिलों में खराब मौसम की संभावना जताई गई है। विभाग ने कहा है कि खासकर 6 अक्तूबर को मौसम के तेवर काफी कड़े रहेंगे। इस दिन पूरे प्रदेश में भारी बारिश के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी चल सकती है और आसमानी बिजली भी कहर बरपा सकती है। ऐसे हालात लोगों को बीते मानसून की याद फिर से ताजा कर देंगे। मौसम में ये बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से आएगा। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पूरे प्रदेश में मौसम में उथल-पुथल देखने को मिलेगी।

 

मौसम विभाग का कहना है कि 4 से 6 अक्तूबर तक तीन दिन भारी बारिश, बिजली गिरने और आंधी का खतरा रहेगा। ऐसे में लोगों को घरों से बाहर निकलते समय सतर्क रहने की जरूरत है।

 

इधर बीते 24 घंटों में राज्य के औसतन न्यूनतम तापमान में भी 0.3 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को शिमला में न्यूनतम तापमान 15.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सुंदरनगर में 20.2, भुंतर में 18.5, कल्पा में 9.6, धर्मशाला में 17.9, ऊना में 19.3, नाहन में 21.5, पालमपुर में 16, मनाली में 14.6, कुफरी में 14.1 और ताबो में न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

 

मौसम विभाग का साफ कहना है कि अगले तीन दिनों तक तो मौसम साफ रहेगा लेकिन इसके बाद अचानक से बदलाव आएगा और भारी वर्षा के साथ आंधी-तूफान का प्रकोप झेलने के लिए लोगों को तैयार रहना होगा। विभाग ने साफ किया है कि इस अवधि में यात्रा के दौरान विशेष सावधानी बरतें और मौसम की ताजा जानकारी पर लगातार नजर रखें।

 

गौरतलब है कि प्रदेश से मानसून 26 सितम्बर को आधिकारिक रूप से विदा हो चुका है। इस बार मानसून ने 20 जून को हिमाचल में दस्तक दी थी और पूरे तीन महीने तक राज्य में तबाही मचाकर रखा। बारिश के दिनों में जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त रहा। जगह-जगह भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं ने भारी नुकसान पहुंचाया। कई जिलों में बादल फटने से तबाही का मंजर देखने को मिला। आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मानसून सीजन में प्रदेशभर में 454 लोगों की मौत हुई, 50 लोग लापता बताए गए और करीब 498 लोग घायल हुए।

 

प्राकृतिक आपदाओं के कारण हजारों लोगों का आशियाना उजड़ गया। आंकड़ों के अनुसार मानसून के दौरान 1736 घर पूरी तरह से धराशायी हो गए, जबकि 7494 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। इसके अलावा 496 दुकानें और 7399 पशुशालाएं भी नष्ट हो गईं। राज्य सरकार ने अब तक मानसून जनित आपदाओं से हुए कुल नुकसान का आकलन लगभग 48,881 करोड़ रुपये लगाया है। आपदा के लिहाज से यह मानसून प्रदेश के लिए बेहद भारी साबित हुआ। तीन महीने के दौरान राज्य में बादल फटने की 47, भूस्खलन की 148 और बाढ़ की 98 घटनाएं दर्ज की गईं।

 

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