शिमला, 26 मार्च। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 62,387 करोड़ रुपये का बजट पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक 2025 सदन में पेश किया, जिसे सदन ने दोपहर बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। विनियोग विधेयक पारित होने के साथ सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार राज्य की संचित निधि से वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 62387 करोड़ रुपये की राशि खर्च कर सकेगी।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बीते 17 मार्च को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया था। बजट में मुख्यमंत्री ने करीब एक दर्जन नई योजनाओं का ऐलान किया है। बजट में किसी प्रकार के नए कर का कोई प्रावधान नहीं किया गया है और कई वर्गों को सौगात दी गई है। बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि व सामाजिक सुरक्षा को प्रमुखता दी गई है। युवाओं, किसानों, महिलाओं, कर्मचारियों और वृद्व जनों के लिए बजट में अहम घोषणाएं हुई हैं।
बजट में विकास कार्यों के लिए 24 फीसदी राशि का प्रावधान
वर्ष 2025-26 के बजट में विकास कार्यों के लिए 24 फीसदी राशि का प्रावधान किया गया है जबकि कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्तों और पेंशन पर कुल बजट की 45 फीसदी राशि खर्च होगी। 12 फीसदी बजट प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए कर्जों के ब्याज की अदायगी पर खर्च होगा, जबकि 10 फीसदी बजट कर्जे वापस लेने पर खर्च होगा। बजट का 9 फीसदी हिस्सा स्वायत्त संस्थानों के लिए अनुदान पर खर्च होगा। इस बजट में प्रदेश सरकार ने 25 हजार नौकरियां देने, कर्मचारियों को 3 फीसदी डीए देने, आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम 12750 रुपये वेतन देने, 70 से 75 वर्ष के पेंशनरों को बकाया एरियर देने, न्यूनतम दिहाड़ी 425 रुपये और मनरेगा मजदूरी 20 रुपये बढ़ाने की घोषणा की है। बजट में 6390 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुमानित है। राजस्व घाटे के साथ करीब 10338 करोड़ रुपये का पूंजीगत घाटा अनुमानित है। बजट अनुमानों के अनुसार आगामी वित्त वर्ष में प्रदेश सरकार की राजस्व प्राप्तियां 42343 करोड़ रुपये व राजस्व खर्च 48733 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।