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हिमाचल में बारिश-ओलावृष्टि और तूफान, फसलों और फलों को नुकसान, आठ मई तक येलो अलर्ट

Himgiri Samachar:
शिमला, 02 मई। हिमाचल प्रदेश में मई महीने में मौसम के मिजाज बदले हुए हैं। प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश, तेज हवाएं और ओलावृष्टि ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। मैदानी इलाकों से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों तक इस बदले मौसम का असर देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग ने आगामी आठ मई तक राज्य के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।


मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के कारण व्यापक मौसमी गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। वर्तमान में यह विक्षोभ दक्षिण पंजाब और उत्तर-पश्चिम हरियाणा के ऊपर चक्रवातीय परिसंचरण के रूप में सक्रिय है जिससे हिमाचल में लगातार बारिश और ओलावृष्टि हो रही है।


ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लौटी ठंड, तापमान में गिरावट


राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। लाहौल-स्पीति के ताबो में न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम में सामान्य से काफी कम है। शिमला, कुफरी और आसपास के क्षेत्रों में दिसम्बर के मौसम का अहसास हो रहा है औऱ लोगों ने दोबारा गर्म कपड़े निकाल लिए हैं। शिमला का न्यूनतम तापमान 3 डिग्री लुढ़ककर 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। वहीं लाहौल-स्पीति, किन्नौर और रोहतांग दर्रे के ऊपरी हिस्सों में हल्की बर्फबारी भी दर्ज की गई है। इससे इन क्षेत्रों में तापमान और गिर गया है। 


किसानों और बागवानों को नुकसान, गुठलीदार फलों और गेहूं की फसल पर असर


अप्पर शिमला के ठियोग, रामपुर, कुल्लू और मंडी के सिराज जैसे क्षेत्रों में बीते 24 घंटे के दौरान तेज ओलावृष्टि हुई है। इससे सेब समेत अन्य गुठलीदार फलों को भारी नुकसान पहुंचा है। इस समय पेड़ों पर फूल और छोटे फल लगे हैं और ओलों की चोट से आगामी सीज़न की पैदावार पर असर पड़ सकता है। इसी तरह हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, मंडी और कांगड़ा जैसे मैदानी जिलों में तेज बारिश और हवाओं के चलते गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। खेतों में तैयार खड़ी फसल बारिश के कारण खराब हो गई है और कटाई कार्य में भी बाधा आई है। किसानों की मेहनत पर पानी फिरने से उनमें चिंता का माहौल है।


अगले छह दिन मौसम रहेगा खराब, ऑरेंज अलर्ट भी जारी


मौसम विभाग ने बताया है कि दो मई से पांच मई तक प्रदेश में ‘फेयरली वाइडस्प्रेड रेन’ (एफडब्ल्यूएस) की स्थिति रहेगी जबकि छह से आठ मई तक बारिश की गतिविधियां बिखरी रहेंगी। इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश, ओलावृष्टि और 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका है। विशेष रूप से दो और तीन मई को तेज हवाएं और ओलावृष्टि की संभावना के चलते ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।


कई जगह भारी वर्षा और तेज हवाएं 


बीते 24 घंटों के दौरान सोलन में 39 मिमी, घाघस में 33 मिमी, रायपुर मैदान और बिलासपुर में 26 मिमी, राजगढ़ व बड़सर में 25 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। बागी में 22, पच्छाद में 20, कुफरी व नेरी में 17 मिमी वर्षा हुई। वहीं बीती रात कुफरी में 65, बिलासपुर में 61 और रिकांगपिओ में 57 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। नारकंडा, ताबो और अन्य क्षेत्रों में भी तेज गर्जना व तेज हवा दर्ज की गई।


मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रियों और स्थानीय लोगों से सावधानी बरतने को कहा गया है। वहीं किसानों और बागवानों को सलाह दी गई है कि वे फसल और बागीचों की सुरक्षा को लेकर जरूरी कदम उठाएं।



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