नई दिल्ली, 04 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों से अपने आवास 7 लोक कल्याण मार्ग में संवाद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षकों का कार्य केवल कक्षा तक सीमित नहीं बल्कि उससे आगे भी चरित्र निर्माण और युवा शक्ति की जिज्ञासा को दिशा देने का काम करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक एक मजबूत देश और एक सशक्त समाज की बुनियाद होते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा देना देश सेवा के क्षेत्र में किसी अन्य सेवा से कम नहीं है। आज भारत विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इसमें गुरु शिष्य परंपरा हमारे लिए बहुत बड़ी ताकत है। शिक्षक एक मजबूत देश और एक सशक्त समाज की बुनियाद होते हैं। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक सिर्फ वर्तमान नहीं बल्कि देश की भावी पीढ़ी को गढ़ता है और भविष्य को निखारता है।
इस अवसर पर उन्होंने देश के विद्यार्थियों और युवा पीढ़ी के लिए एक सवाल पर जोर दिया और कहा कि आज के समय में इसे प्रचारित और प्रसारित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को यह सवाल धारण करना चाहिए कि “मैं ऐसा क्या करूं जिससे मेरे देश की किसी न किसी आवश्यकता की पूर्ति हो।”
इस दौरान प्रधानमंत्री ने वस्तु और सेवा कर में की गई कटौती का विशेष तौर पर उल्लेख किया और कहा कि इससे भारत की शानदार अर्थव्यवस्था में पांच नए रत्न जुड़े हैं। पहला, इससे कर व्यवस्था कहीं अधिक सरल हुई है। दूसरा, इससे भारत के नागरिकों की गुणवत्तापूर्ण जीवन में वृद्धि होगी। तीसरा, इससे उपभोग और विकास दोनों को नयी ऊर्जा मिलेगी। चौथा, इससे बिजनेस करना आसान होगा जिससे आगे निवेश और नौकरियां बढ़ेंगी। पांचवा, इससे विकसित भारत के लिए सहयोगी संघवाद और मजबूत होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का मकसद है कि आम लोगों के जीवन में बचत ज्यादा से ज्यादा हो और उनका जीवन बेहतर बने। साथ ही उन्होंने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि आज देश को आत्मनिर्भर बनाने के रिफॉर्म्स का सिलसिला रुकने वाला नहीं है। हमारे लिए ‘आत्मनिर्भरता’ नारा नहीं बल्कि एक ठोस प्रयास है।
उन्होंने कहा कि आज देश में राजनीतिक इच्छा शक्ति रखने वाली सरकार है, ऐसी सरकार देश के उज्जवल भविष्य और बच्चों की भविष्य की चिंता करती है। हम किसी भी दबाव की परवाह किए बिना ऑनलाइन गेमिंग के संबंध में कानून लाए।
उन्होंने कहा, “21वीं सदी में आगे बढ़ते भारत में जीएसटी में भी नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म किया गया है, जीएसटी 2.0 देश के लिए सपोर्ट और विकास की दोहरी खुराक है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जीएसटी ज्यादा सरल हो गया है और केवल दो 5 प्रतिशत एवं 18 प्रतिशत की दर ही रह गई है। 22 सितंबर यानी यानी नवरात्रि के पहले दिन से जीएसटी की नई दरें लागू होंगी। इससे इस बार की धनतेरस की रौनक और भी ज्यादा रहेगी। दर्जनों चीजों से टैक्स कम हो गया है। 8 साल पहले जीएसटी लागू होने के बाद कई दशकों का सपना साकार हुआ था। जीएसटी आजाद भारत का सबसे बड़े आर्थिक सुधारो में से एक था।
प्रधानमंत्री ने जीएसटी को लेकर कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि 2014 में उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले रसोई, खेती, दवा यहां तक की जीवन बीमा जैसी अनेक चीजों पर अलग-अलग टैक्स लगता था। उसे दौर में सौ रुपये के समान पर 20 से 25 रुपये टैक्स देना पड़ता था।