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वित्त आयोग अध्यक्ष से मिले सीएम सुक्खू, आरडीजी जारी रखने का आग्रह

Himgiri Samachar:

शिमला, 11 सितंबर। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गुरुवार को नई दिल्ली में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगड़िया से मुलाकात कर हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति और आपदाओं से हुए नुकसान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य पिछले तीन वर्षों से लगातार प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हो रहा है, जिसमें अनगिनत लोगों की जानें गईं और 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। पर्यावरण और बुनियादी ढांचे को भारी क्षति पहुंची है।

 

सीएम ने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों की राजस्व वृद्धि की अपनी सीमाएं होती हैं, क्योंकि प्रदेश का 67 प्रतिशत क्षेत्र वन भूमि है। इसके बावजूद सरकार को संवैधानिक दायित्वों के तहत जनता को जरूरी सेवाएं देनी पड़ती हैं। ऐसे में राजस्व घाटा अनुदान (आरडीजी) जारी रहना चाहिए। उन्होंने वित्त आयोग से अनुरोध किया कि इसे कम न किया जाए और न्यूनतम 10,000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष निर्धारित किया जाए।

 

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पहाड़ी राज्यों द्वारा देश को दी जा रही पारिस्थितिकीय सेवाओं के एवज में 50,000 करोड़ रुपये का अलग ‘ग्रीन फंड’ बनाया जाए। यह फंड किसी योजना या विशेष केंद्रीय सहायता के तहत पूंजी निवेश के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मुद्दे पर वे पहले ही प्रधानमंत्री से चर्चा कर चुके हैं।

 

उन्होंने 15वें वित्त आयोग द्वारा तैयार आपदा जोखिम सूचकांक (डीआरआई) पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटना, जंगल की आग और ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड जैसी आपदाओं को शामिल नहीं किया गया है। जबकि इनकी घटनाएं हिमालयी क्षेत्रों में अधिक होती हैं। इसी कारण हिमाचल को पर्याप्त आपदा राहत नहीं मिली। उन्होंने मांग की कि पहाड़ी राज्यों के लिए अलग से डीआरआई तैयार किया जाए और उसी आधार पर विशेष फंड का वितरण हो।

 

सीएम सुक्खू ने उम्मीद जताई कि 16वां वित्त आयोग अपनी अंतिम रिपोर्ट में हिमाचल की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगा। उन्होंने आयोग अध्यक्ष को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार वित्तीय अनुशासन और आर्थिक मजबूती के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार राम सुभग सिंह भी मौजूद रहे।

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