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कर्मचारियों को दिवाली पर सुक्खू सरकार का तोहफा, 3 प्रतिशत महंगाई भत्ते की घोषणा

Himgiri Samachar:

शिमला, 15 अक्टूबर। दिवाली से पहले प्रदेश की सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को घोषणा की कि प्रदेश के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनरों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ते (डीए) की किश्त अक्तूबर माह के वेतन और पेंशन के साथ नवंबर माह में दी जाएगी। इसके साथ ही अप्रैल से सितंबर 2025 तक का बकाया भी अक्तूबर में खातों में जमा कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई 2023 से मार्च 2025 तक की बकाया राशि के लिए अलग आदेश जारी किए जाएंगे।

 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह घोषणा शिमला के पीटरहॉफ में आयोजित हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के 18वें वार्षिक महासम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर की। इस दौरान बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) की घोषणा की उम्मीद थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीएस देने पर अभी सरकार विचार कर रही है और जल्द ही इस दिशा में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि झूठी घोषणा करने से बेहतर है कि ठोस समाधान निकालकर निर्णय लिया जाए। इस पर कर्मचारियों में निराशा भी देखने को मिली और कुछ कर्मचारी मुख्यमंत्री का भाषण समाप्त होने से पहले ही सम्मेलन स्थल से निकल गए।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को उनके वित्तीय लाभ देने के लिए 2200 करोड़ रुपये जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के कार्यकाल में जनवरी 2023 से सितंबर 2025 तक बिजली बोर्ड पेंशनधारकों को ग्रेच्युटी, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, अवकाश नकदीकरण और पेंशन बकाया के रूप में 662.81 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इसी वर्ष के अंत तक 70 करोड़ रुपये और दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति साप्ताहिक आधार पर जारी की जा रही है और इसमें कोई लंबित मामला नहीं है।

 

मुख्यमंत्री ने बिजली बोर्ड को अपने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए मुआवजा नीति बनाने के निर्देश दिए ताकि ड्यूटी के दौरान किसी कर्मचारी के घायल होने पर उचित सहायता मिल सके। साथ ही उन्होंने एलएम के तहत रुकी हुई पदोन्नतियों को तुरंत प्रभाव से लागू करने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने बोर्ड प्रबंधन द्वारा यूनियन नेताओं के खिलाफ लाई गई चार्जशीट को वापस लेने की भी घोषणा की।

 

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि बिजली बोर्ड में सुधार की सख्त जरूरत है और कर्मचारियों के सहयोग से ही यह संभव है। उन्होंने कहा कि ऊहल प्रोजेक्ट से बिजली उत्पादन का खर्च 27 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गया है, जिसके लिए उच्च अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। वहीं कर्मचारियों का खर्च केवल 2.50 रुपये प्रति यूनिट है।

 

उन्होंने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने के बाद केंद्र सरकार ने भाजपा नेताओं के दबाव में राज्य की एडिशनल बॉरोइंग रोक दी, जिससे प्रदेश को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले तीन-चार महीने राज्य के लिए आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण होंगे, लेकिन सरकार स्थिति को संभाल लेगी।

 

मुख्यमंत्री ने पिछली भाजपा सरकार पर जनता का धन लुटाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार को 75 हजार करोड़ रुपये के कर्ज और 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारियों का बोझ विरासत में मिला। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधार किए हैं, जिससे हिमाचल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में देश में 21वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंचा है।

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