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हिमाचल के कई इलाकों में भारी बारिश, तीन जिलों में फ्लैश फ्लड की चेतावनी

Himgiri Samachar:

शिमला, 23 जुलाई। हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी वर्षा हुई है। कांगड़ा, सिरमौर और मंडी जिलों में व्यापक वर्षा से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। भारी बारिश से भूस्खलन की आशंका बनी हुई है। राज्य की प्रमुख नदियां व बरसाती नाले उफान पर हैं। मौसम विभाग ने अगले चार दिन भारी वर्षा का सिलसिला जारी रहने का अनुमान जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घण्टों के दौरान कांगड़ा, चम्बा औऱ शिमला जिलों में फ्लैश फ्लड की आशंका जताई गई है। इन जिलों के लोगों को सचेत रहने को कहा गया है। स्थानीय लोगों के साथ बाहरी राज्यों से आने वाले सैलानियों को नदी-नालों के किनारों की तरफ न जाने की हिदायद दी गई है।

 

 

 

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल के मुताबिक अगले 24 घण्टे लाहौल-स्पीति और सोलन जिलों को छोड़कर शेष 10 जिलों में भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट रहेगा। इन जिलों में शिमला, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर, सोलन, कुल्लू, चम्बा, ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर शामिल हैं। 27 जुलाई तक राज्य में भारी वर्षा होने के आसार बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घण्टे मानसून के सक्रिय रहने से राज्य के कई भागों में भारी बरसात हुई है।

 

 

कांगड़ा जिला में सर्वाधिक 151 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है। इसके अलावा धर्मशाला में 136, पालमपुर में 112, नगरोटा सुर्रियाँ में 96, धौलाकुंआ में 82, जोगिन्दरनगर में 52, गुलेर में 46, सुंदरनगर में 44, घमरूर में 35 और काहू में 33 मिलीमीटर वर्षा हुई।

 

 

राजधानी शिमला में बीती रात मौसम के शुष्क रहने के बाद आज सुबह से बादल बरस रहे हैं।

 

 

राज्य में मौसम ने जून के आखिरी हफ्ते में दस्तक दी है। अभी तक मानसून की सामान्य से करीब 40 फीसदी कम बारिश हुई है। सेब बाहुल्य इलाकों में कम बरसात होने से सेब की फसल को नुकसान पहुंच रहा है। इसके अलावा अन्य फलों व फसलों पर भी कम बारिश का प्रतिकूल असर देखा जा रहा है।

 

 

मानसून सीजन में 81 घर क्षतिग्रस्त, 336 करोड़ का नुकसान

 

 

राज्य में मानसून के कम बरसने के बावजूद जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक 27 जून से 22 जुलाई तक की मानसून सीजन की अवधि में वर्षा जनित हादसों में 44 लोगों की जान गई। जिनमें 14 लोगों की पानी के तेज बहाव में बहने से मौत हुई है। इस दौरान 81 घर क्षतिग्रस्त हुए। चार दुकानें व 65 पशुशालाएँ पूरी तरह धराशायी हो गईं। मानसून सीजन में 336 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। इसमें लोकनिर्माण विभाग को 114 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। बागवानी क्षेत्र में 139 करोड़ का नुकसान आंका गया है।

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