शिमला, 6 जनवरी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सुक्खू ने आज यहां पर्यटन विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि पर्यटन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी का मुख्य स्तम्भ है। राज्य सरकार विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा करने को प्राथमिकता दे रही है ताकि पर्यटकों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में अधोसंरचना निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण पर आने वाले समय में 2415 करोड़ रुपये व्यय करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला मंडी में बनने वाले शिवधाम पर 150.27 करोड़ रुपये तथा जिला हमीरपुर के बाबा बालक नाथ मन्दिर के सौन्दर्यीकरण पर 51.70 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इसी प्रकार 78.09 करोड़ रुपये की लागत से जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां तथा पालमपुर नगर का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। प्रदेश सरकार 280.39 करोड़ की लागत से जिला हमीरपुर के नादौन, जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां और जिला कुल्लू के मनाली व कुल्लू में वैलनेस सेन्टर विकसित करेगी। जिला कुल्लू के नग्गर किले के संरक्षण व मरम्मत कार्य पर 8.64 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है और इस कड़ी में नादौन में राफ्टिंग कॉम्पलेक्स और मनाली, धर्मशाला तथा शिमला में रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण किया जाएगा। इन पर 163.50 करोड़ रुपये व्यय होंगे जिससे पर्यटकों सहित स्थानीय लोग लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर हवाई सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार हेलीपोर्ट का निर्माण कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को इन परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को डीजीसीए जिला शिमला के संजौली, रामपुर, जिला मंडी के कंगनीधार और जिला सोलन के बद्दी हेलीपोर्ट सहित मौजूदा अन्य हेलीपोर्ट के लिए परिचालन स्वीकृति प्राप्त करने के निर्देश भी दिए, ताकि इन हेलीपोर्ट में हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन सुगम हो सके।